#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

‘अजित पवार के भाजपा के साथ जाने का एक फायदा हुआ’ शरद पवार ने अब किया खुलासा

114

राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को अपने एक बयान में कहा कि भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की अजित पवार की कोशिश का एक फायदा हुआ। पवार ने कहा कि इससे 2019 में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हट गया था। पवार ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो हो सकता है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू रहता। महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शरद पवार ने ये बातें कही। शरद पवार ने पूछा कि अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो क्या राज्य से राष्ट्रपति शासन हटता? अगर राष्ट्रपति शासन नहीं हटा होता तो क्या उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले पाते? बता दें कि 23 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र की राजनीति में हुए एक बड़े घटनाक्रम के तहत राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिला दी थी। हालांकि यह सरकार तीन दिन ही चल पाई। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने एनसीपी के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बता दें कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बीते दिनों दावा किया था कि बीजेपी के साथ जाने के अजित पवार के फैसले को शरद पवार का भी समर्थन प्राप्त था। हालांकि शरद पवार ने देवेंद्र फडणवीस के इस दावे को खारिज कर दिया था और फडणवीस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। शरद पवार ने बीजेपी के साथ जाने के अजित पवार के फैसले को उनका निजी फैसला बताया था। इसके बाद अजित पवार सरकार बनाने लायक विधायकों का समर्थन नहीं पा सके थे और तीन दिन बाद ही भाजपा एनसीपी की सरकार गिर गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *