हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से दुनिया के जाने-माने उद्योगपति गौतम अदाणी विवादों के घेरे में हैं। अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के चलते अदाणी प्रकरण को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को कहा कि पार्टी छह फरवरी को सभी जिलों में जीवन बीमा निगम कार्यालयों और भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं के सामने देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करेगी। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्र की सरकार आम लोगों के पैसे का उपयोग अपने करीबी दोस्तों का समर्थन करने के लिए कर रही है। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को एलआईसी और एसबीआई कार्यालयों के सामने देश भर के जिलों में राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने का फैसला किया है। विपक्ष का तर्क है कि एलआईसी और एसबीआई जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का अदाणी समूह के संपर्क में आने से मध्यम वर्ग की बचत पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि सरकार निर्लज्जता दिखाएगी और उनकी मांग को नहीं मानेगी, लेकिन वे अपनी पूरी ताकत लगाएंगे और मोदी सरकार को घेरने के लिए संसद के मंच का उपयोग करने की कोशिश करेंगे। विपक्षी दलों ने गुरुवार को संसद के बजट सत्र के दूसरे दिन अदाणी समूह की कंपनी के शेयरों में धोखाधड़ी के आरोप की एक संयुक्त समिति द्वारा जांच और संसद में बहस की मांग की। जिसके कारण लंच से पहले के सत्र में लोकसभा और राज्यसभा दोनों में कार्यवाही स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसी मुद्दे पर पहले दोनों सदनों की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक स्थगित किया गया और उसके बाद शुक्रवार सुबह 11 बजे तक कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। अदाणी एंटरप्राइजेज के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर केंद्र पर बरसते हुए संयुक्त विपक्ष ने स्टॉक क्रैश को ‘अमृत काल में महा घोटाला’ करार दिया और इस मुद्दे पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया। दोपहर दो बजे तक दोनों सदनों के स्थगित होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विजय चौक में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए व्यावसायिक नोटिसों के निलंबन को खारिज करने पर भी सरकार की आलोचना की। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस संवाददाता सम्मेल का नेतृत्व किया। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अदाणी प्रकरण की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित की जाए या सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई की देखरेख में इस मामले की जांच हो। कई विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे पर संसद के संबंधित सदनों को निलंबन का व्यावसायिक नोटिस दिया है। जिन नेताओं ने अपने-अपने सदनों में नोटिस दिया है उनमें विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सीपीआई (एम) के राज्यसभा सांसद इलामारम करीम, शिवसेना सांसद (उद्धव ठाकरे गुट) प्रियंका चतुर्वेदी, भाकपा के राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम, भारत राष्ट्र समिति के लोकसभा सांसद नामा नागेश्वर राव, बीआरएस के राज्यसभा सांसद के केशव राव और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह सहित अन्य शामिल हैं। संसद के बजट सत्र का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त होगा। बजट सत्र के दूसरे भाग के लिए संसद 12 मार्च को फिर से शुरू होगी, जो 6 अप्रैल को समाप्त होगी।
अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर कांग्रेस छह फरवरी को करेगी देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन
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