रक्षाबंधन के पावन पर्व पर केदारनाथ में परंपरानुसार भतूज (अन्नकूट) मेले का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। मंगलवार आधी रात से केदारनाथ में मेला शुरू होगा। इस दौरान पूरी रात श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर श्रृंगार करेंगे। बुधवार सुबह स्वयंभू लिंग से श्रृंगार सामग्री उतारकर मंदाकिनी नदी में प्रवाहित की जाएगी। मेले के अवसर पर भगवान के स्वयंभू लिंग को नए धान के चावलों के पके भोग के लेप और मोटे अनाज के लेप से ढका जाता है। साथ ही भव्य श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद रातभर मंदिर के कपाट खुले रहते हैं। इस अवसर पर केदारनाथ में हक-हकूकधारी अपने आराध्य को चावल का भोग सहित अन्य खाद्य सामग्री अर्पित करते हैं। मान्यता है कि नए अनाज और पके चावलों के भोग को स्वयंभू शिवलिंग पर चढ़ाने से सभी अन्न प्रजाति से विष का खत्म हो जाता है। इधर, बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय और सीईओ योगेंद्र सिंह ने सभी शिव भक्तों को अन्नकूट मेला व रक्षाबंधन के पावन पर्व की शुभकामनाएं दी। मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि मेले के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु व हक-हकूकधारी केदारनाथ पहुंच गए हैं। बारिश कम होते ही केदारनाथ में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। बीते एक सप्ताह से प्रतिदिन 1000 से 1500 श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को धाम पहुंच रहे हैं जिससे बाजारों, पैदल मार्ग से लेकर धाम तक व्यापारिक गतिविधियां भी बढ़ने लगी है। जुलाई से बारिश के कारण यात्रियों की संख्या कम हो गई थी लेकिन बारिश कम होते ही यात्री बढ़ने लग गए हैं। गौरीकुंड के व्यापार संघ अध्यक्ष रामचंद्र गोस्वामी ने बताया कि बीते एक सप्ताह से यात्रियों की संख्या बढ़ रही है जिससे पुन: बुकिंग मिलने लगी है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ योेगेंद्र सिंह ने बताया कि धाम में पहुंच रहे शिव भक्तों को गर्भगृह से दर्शन कराए जा रहे हैं। बरसात कम होने के साथ ही अब यात्रियों की संख्या में इजाफा होने लगा है।
अन्नकूट मेले के लिए 15 कुंतल फूलों से सजा केदारनाथ धाम, बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
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