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अपने काम और राम के नाम पर चुनाव जीतेंगे मोदी, बजट में नहीं हुई कोई बड़ी घोषणा

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प्रधानमंत्री मोदी अपने काम और भगवान राम के नाम पर चुनाव जीतेंगे। एक फरवरी को संसद में पेश किये गए बजट में किसी नई कल्याणकारी योजना का एलान नहीं हुआ है, जिसे चुनाव जीतने के लिए लाई गई योजना बताया जा सके। यह साबित करता है कि मोदी को इस बार चुनाव जीतने के लिए किसी कल्याणकारी योजना का सहारा लेने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, अपने ख़ास समर्थक वर्ग महिलाओं और किसानों के लिए कुछ आकर्षक बढ़ावा देकर उन्हें साधने की कोशिश की गई है। लेकिन बजट सत्र में जिस तरह बार-बार भगवान राम की चर्चा की गई है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा चुनावों में राम मंदिर के मुद्दे को जमकर भुनाएगी। यानी मोदी सरकार को इस बात का पूर्ण विश्वास है कि वह अपने काम और राम के नाम पर चुनाव जीतने में सफल रहेगी। बजट 2024 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स दरों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार के ऊपर कल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसा एकत्र करने का दबाव बना हुआ है। लेकिन कॉरपोरेट दरों को घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया है। इससे उद्योगपतियों के हाथों में ज्यादा पैसा बचेगा। इससे वे नया निवेश या पुराने उद्यम को आगे बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पैसा खर्च कर सकेंगे। इससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। लेकिन महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देकर महिलाओं को सशक्त करने की कोशिश की गई है। इसी तरह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के प्रयास कर सरकार ने किसानों को मजबूत करने का प्रयास किया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की खपत में बढ़ोतरी होगी, जिससे बड़ी कंपनियों के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद की।

आर्थिक विशेषज्ञ बोले

आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा ने अमर उजाला से कहा कि यह बजट सरकार के आत्मविश्वास को दिखाता है। सरकार ने ये संकेत दिए हैं कि उसने पिछले दस साल में इतने काम किए हैं कि उन्हीं कामों के बल पर वह दोबारा बहुमत हासिल कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह किसी मजबूत अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रधानमंत्री का स्पष्ट संदेश है। नरेंद्र तनेजा ने कहा कि इस बजट की सबसे मजबूत बात कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करना है। इससे उद्योगपतियों के पास निवेश करने के लिए उनके पास ज्यादा पैसा होगा। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।