चीन ने गुरुवार को जी20 में अफ्रीकी संघ (एयू) को जी20 में शामिल करने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने कहा कि वह जी20 में अफ्रीकी ब्लॉक को शामिल करने के लिए समर्थन करने वाला पहला देश है। एक इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह में अफ्रीकी संघ को पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल करने का समर्थन करता है, क्योंकि कोई भी योजना सभी देशों के प्रतिनिधित्व और मान्यता के बिना सफल नहीं हो सकती है।’ चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि एयू को नई दिल्ली में आयोजित जी 20 शिखर सम्मेलन में शामिल किया जाएगा। इसका समर्थन करने वाला पहला देश चीन है। उन्होंने आगे कहा कि चीन अफ्रीकी संघ को इस समूह का पूर्ण सदस्यता देने के समर्थन में है। माओ ने कहा कि चीन और एयू एक साथ भविष्य में अंतरराष्ट्रीय समानता और न्याय की सुरक्षा में महत्वपूर्ण पार्टनर है। पीएम मोदी अफ्रीकी संघ के जी20 में सदस्यता के मुद्दे पर आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं। जून में पीएम मोदी ने नई दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को पूर्ण सदस्यता देने के लिए जी20 के सभी नेताओं को खत लिखा था। जुलाई में कर्नाटक के हम्पी में हुई जी20 शेरपा बैठक में इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से शिखर सम्मेलन के लिए शामिल किया गया था।
अफ्रीका संघ को शामिल करने के लिए अमेरिका भी राजी
अमेरिका भी एयू को जी20 में पूर्ण सदस्यता देने के समर्थन में हैं। व्हाइट हाउस के अधिकारी जॉन किर्बी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन अफ्रीकी संघ का जी20 में स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इससे आने वाले दिनों में जी20 पहले से भी अधिक मजबूत होगा। इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में लिया जाएगा। अफ्रीकी संघ एक प्रभावशाली संगठन है जिसमें 55 देश शामिल है। ये अफ्रीका महाद्वीप के अंतर्गत आते हैं। जी20 19 विश्व के सबसे धनी देश और यूरोपियन यूनियन से मिलकर बना है।
अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल करने के लिए चीन ने दिया समर्थन, सम्मेलन में लिया जाएगा अंतिम निर्णय
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