सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार की पार्टी एनसीपी शरद चंद्र पवार की याचिका पर अजित पवार की एनसीपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल याचिका में शरद पवार की पार्टी ने अजित पवार गुट पर शरद पवार के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट पीठ ने अजित पवार की एनसीपी से सवाल किया कि जब आप अलग पार्टी हैं तो आप उनकी (शरद पवार) तस्वीर का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं? जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने अजित पवार की एनसीपी से अपना जवाब शनिवार तक देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट अब 19 मार्च को इस मामले पर फिर से सुनवाई करेगा। पीठ ने अजित पवार की पार्टी से कहा कि हम चाहते हैं कि एनसीपी बिना शर्त इस बात की जानकारी दे कि वे शरद पवार की तस्वीर, उनके नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। पीठ ने कहा कि ‘अब आप एक अलग राजनीतिक पार्टी हैं और आपने ही साथ न रहने का चुनाव किया था, फिर अब क्यों उनकी तस्वीर का इस्तेमाल हो रहा है…अपनी पहचान बनाइए।’ अजित पवार गुट की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि ‘पार्टी शरद पवार के नाम का इस्तेमाल नहीं कर रही है बल्कि कुछ अनजान कार्यकर्ता ऐसा कर रहे हैं।’ अजित पवार गुट ने कहा कि सोशल मीडिया पर पार्टी कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करना संभव नहीं है। इस पर पीठ ने कहा कि ‘पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासित रखना आपकी जिम्मेदारी है।’ पीठ ने कहा कि ‘अब आप दो पार्टियां हैं तो अपनी पहचान पर कायम रहिए। आपने ही अलग होने का फैसला किया था तो अब अपने फैसले पर टिकें और आपको पार्टी कार्यकर्ताओं को भी नियंत्रित करना होगा।’
चुनाव चिन्ह घड़ी का इस्तेमाल ने करने का सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक तौर पर ये सुधाव भी दिया कि अजित पवार की एनसीपी को चुनाव में ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए, ताकि किसी तरह की कोई भ्रम की स्थिति न बने। एनसीपी शरदचंद्र पवार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी शामिल हुए। सिंघवी ने दलील दी कि अजित पवार की एनसीपी पार्टी के चुनाव चिन्ह घड़ी का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन यह चिन्ह ऐतिहासिक रूप से शरद पवार से जुड़ा रहा है। साथ ही आधिकारिक गुट शरद पवार की तस्वीर और नाम का भी इस्तेमाल कर रहा है, इससे भ्रम की स्थिति बन रही है।