भारतीय रेलवे ने गजराज सुरक्षा कवच पेश किया है जो कि हाथियों की वजह से रेल हादसों और हाथियों की मृत्यु को रोकने के लिए है। रेलवे के मुताबिक गजराज सुरक्षा पूरी तरह से स्वदेशी है और इसके साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का सपोर्ट दिया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 साल से में रेल हादसे में करीब 200 हाथियों ने अपनी जान गंवाई है। रेलवे ने गजराज सुरक्षा को हाल ही में पश्चिम बंगाल के बक्सा टाइगर रिजर्व के जंगल में पार्सल ट्रेन से टक्कर में तीन हाथियों की हुई मौत के बाद पेश किया है। यह घटना राजाभटखावा और कालचीनी रेलवे स्टेशनों के बीच हुई थी जिसके बाद वन्यजीवों की सुरक्षा और रेलवे सुरक्षा में सुधार को लेकर चर्चा गंभीर हो गई थी।
कैसे काम करता है गजराज सुरक्षा?
गजराज सुरक्षा एक ऐसा एआई सिस्टम है जो इंट्रूशन डिटेक्शन सिस्टम (आईडीएस) के रूप में काम करता है। इसके साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल्स (ओएफसी) और एआई एल्गोरिदम का भी सपोर्ट है। गजराज सुरक्षा को लेकर 99.5% की पहचान दर का दावा है। रेलवे ने कहा है कि यह ट्रेन से हाथियों को टकराने से रोकेगा। यह सिस्टम दवाब तरंगों को महसूस करके हाथियों के पैरों के कंपन को पहचानता है और फिर ओएफसी केबल के जरिए स्टेशन मास्टर को सिग्नल भेजता है। दावा है कि यह 200 मीटर पहले ही हाथियों के आने की जानकारी दे सकता है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि इसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, असम, केरल, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों और तमिलनाडु के कुछ इलाकों में जल्द होगी। अगले 8 महीनों के भीतर देश के सभी हाथी वाले इलाके में गजराज सुरक्षा को तैनात करने का लक्ष्य है।
अब हाथी और ट्रेन में नहीं होगी टक्कर, AI से लैस ‘गजराज सुरक्षा कवच’ करेगा मदद
85