#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

‘अमेरिका नहीं हम भारत के शीर्ष व्यापार भागीदार’, चीन ने अपने आंकड़ों का दिया हवाला

219

चीन ने मंगलवार को अपने आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि साल 2021-22 में वह अभी भी भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। उसने उन रिपोर्ट्स का उल्लेख करते हुए कि अमेरिका ने चीन को शीर्ष स्थान से हटा दिया है, चीन ने नई दिल्ली और बीजिंग की ओर से ट्रेड वॉल्यूम की गणना के लिए विभिन्न तरीकों में असमानता को जिम्मेदार ठहराया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि चीन के सक्षम अधिकारियों के आंकड़ों के अनुसार 2021 में भारत और चीन के बीच ट्रेड वॉल्यूम 125.66 अरब डॉलर रहा। झाओ ने कहा कि चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार बना हुआ है और पहली बार द्विपक्षीय कारोबार 100 बिलियन डॉलर से अधिक रहा है। उन्होंने कहा कि चीन और भारत की ओर से जारी किए जाने वाले व्यापार के आंकड़ों में असमानता विभिन्न सांख्यिकीय माप पैमानों का परिणाम है। झाओ ने यह भी कहा कि चीन को भारत और अमेरिका के बीच सामान्य कारोबारी संबंधों का विकास होने से कोई आपत्ति नहीं है और हम ट्रेड वॉल्यूम में रैंकिंग में होने वाले बदलाव में कुछ खास रुचि नहीं रखते हैं।

ऐसी है दोनों देशों के वित्त वर्ष की व्यवस्था

चीन का वित्त वर्ष जनवरी से दिसंबर तक चलता है जबकि भारत में वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल से होती है और समापन मार्च में होता है। हर साल बढ़ते व्यापार घाटे पर व्यापक चिंताओं के बावजूद चीन लंबे समय से भारत का प्रमुख व्यापार भागीदार बना हुआ है। हालांकि, इस दौरान झाओ ने ट्रेड बैरियर और भारतीय व्यवसायों की अन्य समस्याओं पर बात नहीं की। भारत कई वर्षों से इस बात पर जोर देता आ रहा है कि चीन को अपने बाजारों के दरवाजे भारत के आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) और फार्मास्यूटिकल्स उद्योग के लिए खोलने चाहिए। यह भारत के निर्यात की सबसे बड़ी ताकत हैं लेकिन चीन ने अभी तक इस ओर कोई कदम नहीं उठाया। इसके अलावा सीमा पर भी दोनों देशों के संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण बने हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *