आईआईटी मद्रास का जंजीबार परिसर, जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का पहला अपतटीय परिसर है, एक महिला निदेशक पाने वाला पहला आईआईटी भी बन गया है। आईआईटी मद्रास की पूर्व छात्रा प्रीति अघालयम को जंजीबार परिसर का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया है, जहां पहला शैक्षणिक सत्र अक्तूबर में शुरू होने वाला है। आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी कामकोटि ने कहा, अघालयम आईआईटी निदेशक बनने वाली पहली महिला हैं। हमें कई और उत्साहजनक चीजें देखने को मिलेंगी। हम सतत विकास लक्ष्यों का पालन कर रहे हैं और एक महत्वपूर्ण लक्ष्य यह बताता है कि हमें लिंगानुपात में संतुलन लाने की जरूरत है। कामकोटि ने बताया कि जंजीबार में आईआईटी मद्रास कैंपस खुलना संस्थान के इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। हमें विश्वास है कि यह कैंपस उच्च शिक्षा में नई राह खोलेगा। अक्तूबर से पहले सत्र की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इस परिसर में स्कूल ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग का पहला स्कूल बनेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत आईआईटी मद्रास और उसके देश के बाहर पहले यानी तंजानिया के जंजीबार परिसर में अक्तूबर से कक्षाएं शुरू होंगी। प्रवेश के लिए एक स्क्रीनिंग टेस्ट और साक्षात्कार के आधार पर छात्रों का चयन किया जाएगा। आईआईटी मद्रास शैक्षणिक सत्र 2023-24 से दो पूर्णकालिक कोर्स की पढ़ाई करवाएगा। इसके लिए ऑनलाइन दाखिला आवेदन विंडो शुरू कर दी गई है। विज्ञान में स्नातक कार्यक्रम के तहत चार वर्षीय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और डाटा साइंस कोर्स की पढ़ाई होगी। स्नातकोत्तर कार्यक्रम में भी यह कोर्स उपलब्ध होंगे। दोनों कार्यक्रम के सभी कोर्स के पहले बैच में 70-70 छात्रों को दाखिला मिलेगा। स्नातक कोर्स में जेईई एडवांस्ड के बगैर दाखिला मिलेगा। आईआईटी मद्रास के ग्लोबल एंगेजमेंट के डीन प्रोफेसर रघुनाथ रंगास्वामी ने बताया कि संस्थान का ग्लोबल एंगेजमेंट कार्यालय प्रवेश प्रकिया देखेगा। इसमें अंतरराष्ट्रीय छात्रों का आईआईटीएम के सीनेट से मंजूर प्रवेश परीक्षा के अनुसार एक स्क्रीनिंग टेस्ट और इंटरव्यू के आधार पर चयन किया जाएगा। आईआईटी मद्रास के जंजीबार कैंपस की निदेशक और स्कूल ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग की डीन प्रोफेसर प्रीति अघलायम ने बताया कि आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञों ने ही जंजीबार कैंपस का माॅस्टर प्लान तैयार किया है। जंजीबार कैंपस पूर्वी अफ्रीका से दूर जंजीबार द्वीप में करीब 200 एकड़ में बनेगा। इसमें छात्रावास भी बनेंगे। स्थायी कैंपस बनने तक बेवीलेओ जिले में अस्थाई कैंपस बनाया गया है। इसमें भी छात्रावास के अलावा अस्पताल व खेल का मैदान भी होगा। आईआईटी मद्रास की तरह इस परिसर में भी शिक्षा और शोध पर काम होगा। अघलायम ने कहा कि मैं आईआईटी मद्रास की पूर्व छात्रा हूं और संस्थान और देश के लिए इतना बड़ा कुछ करना बहुत बड़ा सम्मान है। जब भी हमने आईआईटी मद्रास दल के हिस्से के रूप में जंजीबार का दौरा किया, हमने देखा कि वहां महिलाओं का प्रतिनिधित्व था। अघलायम ने 1995 में आईआईटी मद्रास से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और 2000 में मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी की। उन्होंने एमआईटी, कैम्ब्रिज में पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता और आईआईटी बॉम्बे में संकाय के रूप में काम किया है। अघलायम 2010 में आईआईटी मद्रास में शामिल हुईं, जहां वह वर्तमान में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर हैं। उन्हें हाल ही में प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय द्वारा एसटीईएम में 75 महिलाओं में से एक के रूप में स्वीकार किया गया था।
आईआईटी मद्रास की पूर्व छात्रा प्रो प्रीति संभालेंगी जंजीबार परिसर की कमान, बनीं पहली महिला निदेशक
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