विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि चार देशों (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) का क्वाड समूह के रूप में एक साथ आना, बहुध्रुवीय व्यवस्था के विकास और प्रभाव क्षेत्रों के खिलाफ शीतयुद्ध के बाद की सोच को आगे बढ़ाने का काम करता है। उन्होंने कहा, क्वाड एक स्टेटमेंट है कि कोई अन्य समान विचारधारा वाले देशों की पसंद पर मनमर्जी से वीटो नहीं कर सकता है। जयशंकर के बयान को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं से जोड़कर देखा जा रहा है। रायसीना संवाद के इतर ‘क्वाड थिंक टैंक फोरम’ में जयशंकर ने कहा कि क्वाड पूरी दुनिया के हित में है। क्वाड का गठन वैश्विक व्यवस्था में बदलाव से प्रेरित है जो समान विचारधारा वाले देशों के बीच ज्यादा से ज्यादा समन्वय को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि क्वाड के अहम पांच संदेश हैं। जिनमें पहला बहुध्रुवीय व्यवस्था के विकास को दर्शाता है। दूसरा, यह शीतयुद्ध के बाद की सोच, तीसरा किसी देश पर दबाव बनाने की प्रवृत्ति के खिलाफ, चौथा लोकतंत्रीकरण और सहयोग के दृष्टिकोण को दर्शाने वाला तथा पांचवां आज कोई भी हमारी पसंद पर मनमर्जी से वीटो नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि क्वाड हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र की चुनौतियों और इसके मुद्दों पर फोकस कर रहा है। इनमें समुद्री सुरक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, साइबर सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई प्रमुख हैं। क्वाड रचनात्मक, लचीला, तेज, उत्तरदायी और खुले दिमाग वाला एंटरप्राइज है। वर्चुअल रूप से कार्यक्रम में शामिल ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि क्वाड एक ऐसे क्षेत्र के लिए खड़ा है जो धमकी और जबरदस्ती से मुक्त है। यहां प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदारी से प्रबंधित किया जाता है और विवादों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार निपटाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखना जरूरी: कामिकावा
जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा ने वीडियो संदेश में कहा कि दुनिया गहरे विभाजन का सामना कर रही है तथा कानून के शासन पर आधारित एक स्वतंत्र तथा खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखना और मजबूत करना आवश्यक है। इस वजह से जापान अपने सहयोगियों व समान विचारधारा वाले देशों के साथ कानून के शासन के आधार पर एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को और विकसित करने के लिए काम कर रहा है। क्वाड इस दिशा में सबसे महत्वपूर्ण पहलों में से एक है, इसने समुद्री महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, साइबर और आतंकवाद विरोधी पहलों को लगातार कार्यान्वित किया है, पहलों को आगे बढ़ना जारी रखना चाहिए। अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने कहा कि हिंद-प्रशांत दुनिया का सबसे गतिशील और तेजी से विकसित होने वाला क्षेत्र है। क्वाड की ताकत 4 देशों की क्षमताओं व संसाधनों का उपयोग करने की है ताकि सभी को लाभ पहुंचाने वाले ठोस परिणाम मिल सकें।