दक्षिण मुंबई में खास जगह पर स्थित महालक्ष्मी रेसकोर्स की जगह को अब बिल्डर की झोली में डालने की साजिश राज्य सरकार की ओर से की जा रही है। ऐसा जोरदार हमला शिवसेना नेता व युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने ‘खोके’ सरकार पर किया। इस खुली जगह पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की संकल्पना से ‘हाइड पार्क’ की तर्ज पर यहां बिना कोई निर्माण कार्य किए उद्यान विकसित करने की योजना थी। लेकिन मौजूदा सरकार बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए मुंबईकरों के हक की खुली जगह नष्ट कर कंक्रीट का जंगल बनाने की साजिश कर रही है। ऐसा आरोप उन्होंने लगाया।
महालक्ष्मी रेसकोर्स को मुलुंड ले जाकर महालक्ष्मी रेसकोर्स की जगह थीम पार्क बनाने की योजना मनपा व राज्य सरकार द्वारा शुरू है। रेसकोर्स की विशाल खुली जगह बिल्डरों को दिए जाने को लेकर मुंबईकरों में तीव्र आक्रोश व्याप्त है। आदित्य ठाकरे के अनुसार इससे पहले वर्ली डेयरी की जगह को भी बिल्डरों की झोली में डालने की तैयारी में सरकार थी। अब उसी तर्ज पर महालक्ष्मी रेसकोर्स की जगह भी बिल्डरों को बेचने की सरकार साजिश कर रही है। ऐसा ट्वीट आदित्य ठाकरे ने किया। उद्धव ठाकरे की संकल्पना के अनुसार रेसकोर्स की जगह पर अर्बन ग्रीन पार्क तैयार होनेवाला था। इस जगह को बच्चे, वरिष्ठ, धावक, योगा प्रेमी, संगीत प्रेमी, कलाप्रेमी तथा जानवरों के घुमानेवाले लोगों के लिए खुले उद्यान के रूप में तैयार करना था। लेकिन मुलुंड और रेसकोर्स की जगह बिल्डरों के हित को साधते हुए बिल्डरों को बेची जाएगी, ऐसा आरोप आदित्य ठाकरे ने लगाया। मुंबईकरों के हक की जगह बिल्डरों को देने की साजिश है। लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। मुंबईकरों के हक की जगह मुंबईकरों के लिए ही उपयोग हो, इसके लिए हम लड़ते रहेंगे। ऐसी दृढ़ भूमिका आदित्य ठाकरे ने अपनाई है। रेसकोर्स मैदान की भूमि रॉयल वेस्टर्न इंडिया टर्फ क्लब को ९९ वर्ष के लिए लीज पर दी गई थी। वर्ष २०१३ में वह लीज समाप्त हो गई है। रेसकोर्स कुल ८,५५,१९८ वर्ग मीटर में पैâला है, जिनमें से २,५८,२४५ वर्ग मीटर की जगह मनपा के अधिकार क्षेत्र की है, जबकि बाकी ५,९६,९५३ वर्ग मीटर जगह राज्य सरकार की है। राज्य सरकार के ताबे की जमीन को मनपा अपने ताबे में लेने की कोशिश गत १० वर्षों से कर रही है। महालक्ष्मी रेसकोर्स मुंबई शहर और प्रत्येक मुंबईकर के जीवन का अविभाज्य हिस्सा है। इस जगह पर उद्धव ठाकरे की परिसंकल्पना के अनुसार कोई भी निर्माण कार्य किए बगैर खुली जगह पर हाइड पार्क बनाने की योजना थी। यह सुविधा सभी के लिए मुफ्त में उपलब्ध कराए जाने की योजना थी। लेकिन ‘खोके’ सरकार इस जगह को बिल्डरों की झोली में डालना चाहती है।
आदित्य ठाकरे का हल्लाबोल… रेसकोर्स की जमीन बेचना चाहती है ‘खोके’ सरकार!
144