महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव की गर्भवती आदिवासी महिला ने घने जंगल के बीच में एक बच्ची को जन्म दिया है। अस्पताल ले जाने के लिए कोई उचित सड़क मार्ग नहीं था। गर्भवती को जंगल के बीच से एक अस्थायी स्ट्रेचर से अस्पताल ले जाया रहा था। चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि, जवाहर तालुका के ईना गांव की 21 वर्षीय महिला को प्रसव पीड़ा हुई थी। अस्पताल ले जाने के लिए कोई उचित रास्ता नहीं था। परिजन उसे रविवार को अस्थायी स्ट्रेचर से घने जंगल के बीच से पैदल ले जा रहे थे। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। वीडियो में कुछ लोग गर्भवती महिला को जंगल के रास्ते से अस्पताल ले जाते हुए दिखाई दे रहे है। चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि महिला ने जंगल में बीच में ही बच्ची को जन्म दिया। जिसके बाद मां और बच्चे को जवाहर पतंगशाह उप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ रामदास मराड ने कहा कि जच्चा-बच्चा दोनों ठीक हैं।
उचित सड़क मार्ग ने होने से एक महिला ने खो दिए थे जुड़वां बच्चे
पिछले महीने, भारी बारिश के बीच मोखदा तालुका के गांव में एक 26 वर्षीय गर्भवती आदिवासी महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। महिला को रास्ता न होने की वजह से अस्थायी स्ट्रेचर से अस्पताल ले जाया जा रहा था। मेडिकल सेंटर पहुंचने में देरी होने की वजह से उसके दोनों जुड़वां बच्चों की मौत हो गई थी। पालघर जिला परिषद के अध्यक्ष वैदेही वधान ने कहा कि दूरदराज के इलाकों के गांवों में उचित सड़क मार्ग न होने की वजह से लोगों को अस्पताल, मार्केट, शहर आदि जगह आने-जाने में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उचित सड़क मार्ग ने होने से एक महिला ने खो दिए थे जुड़वां बच्चे
पिछले महीने, भारी बारिश के बीच मोखदा तालुका के गांव में एक 26 वर्षीय गर्भवती आदिवासी महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। महिला को रास्ता न होने की वजह से अस्थायी स्ट्रेचर से अस्पताल ले जाया जा रहा था। मेडिकल सेंटर पहुंचने में देरी होने की वजह से उसके दोनों जुड़वां बच्चों की मौत हो गई थी। पालघर जिला परिषद के अध्यक्ष वैदेही वधान ने कहा कि दूरदराज के इलाकों के गांवों में उचित सड़क मार्ग न होने की वजह से लोगों को अस्पताल, मार्केट, शहर आदि जगह आने-जाने में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।