रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो दरों में कोई बढ़ोतरी न करते हुए इसे 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। महंगाई में और बढ़ोतरी न होने के कारण यह निर्णय किया गया है। इससे आपके होम लोन की दरें उतनी ही बनी रहेंगी, जितनी कि इस समय हैं। लेकिन आम आदमी के लिए यह इकलौती राहत भरी खबर नहीं है। कुछ अन्य मोर्चों से भी आम आदमी को राहत मिलने की खबर आई है। वर्षा बेहतर रहने की उम्मीद है जिससे किसानों को लाभ होगा और कृषि उत्पादन बेहतर रखने में मदद मिलेगी तो लोगों को उचित मूल्य पर खाद्य वस्तुएं मिल सकेंगी। आम आदमी को सबसे ज्यादा परेशानी महंगाई से होती है। लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का अनुमान है कि महंगाई में राहत अभी लंबे समय तक बनी रहने वाली है। वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा महंगाई दर भी औसतन 5.1 फीसदी पर रहने का अनुमान है। यानि महंगाई से राहत इस पूरे कैलेंडर वर्ष में बने रहने का अनुमान है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस वर्ष वर्षा का मौसम सामान्य रह सकता है। यदि ऐसा हुआ तो किसानों को अच्छी फसल मिलेगी और साथ ही, उन्हें सिंचाई पर कम खर्च करना पड़ेगा। इससे फसलों पर उन्हें ज्यादा लाभ मिलेगा, तो उपभोक्ताओं को भी फल-सब्जी और अनाज सही कीमत पर मिल सकेगी। केंद्र सरकार ने कई फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है। इससे किसानों को उनकी फसलों के बेहतर मूल्य मिल सकेंगे। 2022-23 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 6.1 फीसदी दर्ज की गई है। इस वित्त वर्ष यानि 2023-24 में भी जीडीपी में यह वृद्धि बनी रहने वाली है। आयात में कमी आई है जिससे व्यापार घाटा कम करने में मदद मिली है। इस स्थिति में देश में रोजगार के मोर्चे पर बेहतर स्थिति बनी रहेगी। भारतीय कंपनियों ने अमेरिका जैसे देशों में लगातार निवेश बढ़ाया है और भारत में भी रक्षा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में अमेरिका सहित कई देशों से निवेश बढ्ने के समझौते किए गए हैं। इससे भारत में रोजगार के बेहतर अवसर सृजित होंगे। युवाओं के लिए यह एक अच्छी खबर है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह निर्णय लिया है कि वह बैंकों को विदेशी यात्राओं के लिए प्रीपेड रुपे कार्ड जारी करने की अनुमति दे सकता है। इसका सीधा लाभ उन लोगों को होगा जो आने वाले समय में विदेश यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं। यह कार्ड जारी होने के बाद विदेशी यात्राओं के दौरान भारतीय मुद्रा को विदेशी मुद्रा में बदलने की परेशानी कम करने में मदद मिलेगी।
लेकिन यहां बढ़ सकती है चिंता
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ डॉ नागेंद्र कुमार शर्मा ने अमर उजाला से कहा कि इस समय आर्थिक मोर्चे पर देश अच्छी दिशा में बढ़ रहा है। इससे लोगों को लाभ मिलने का अनुमान है, लेकिन इसी समय पेट्रो तेल उत्पादक देशों ने तेल उत्पादन कम करने का निर्णय किया है। इससे अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे बचत का पूरा अर्थशस्त्र गड़बड़ हो सकता है। इसी तरह की स्थिति से बचने में सस्ता तेल उपलब्ध करवाकर रूस ने पिछले दिनों भारत की बड़ी मदद की थी। लेकिन हमें यह ध्यान रखना होगा कि यदि रूस-यूक्रेन युद्ध का सही समय कोई समाधान नहीं निकला, और जैसी आशंका इस समय जताई जा रही है, यदि यह युद्ध परमाणु युद्ध की तरफ बढ़ा तो इससे पूरी दुनिया में मंदी का संकट मंडरा सकता है। इससे सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित होगी और अति आवश्यक वस्तुओं की कीमत बे-लगाम हो सकती हैं। इसलिए हमें महंगाई से राहत तभी तक मिलने की उम्मीद है जब तक कि वैश्विक परिस्थितियां अनुकूल बनी रहें।