#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

आर्ट सिनेमा के जनक माने जाते हैं श्याम बेनेगल, इन फिल्मों से बनाई लोगों के दिलों में खास जगह

99
श्याम बेनेगल की गिनती उन निर्देशकों में होती है, जिन्होंने अपनी फिल्मों से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई है। वह हर साल 14 दिसंबर को अपना जन्मदिन मनाते हैं। श्याम बॉलीवुड के मशहूर एक्टर और निर्देशक गुरुदत्त के भतीजे हैं। उनके बर्थडे पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी खास बातें। श्याम सुंदर बेनेगल का जन्म साल 1934 में हैदराबाद में हुआ था। फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले उन्होंने अर्थशास्त्र में परास्नातक किया और फिर फोटोग्राफी शुरू कर दी। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की ओर रुख करने से पहले उन्होंने कई ऐड एजेंसियों के लिए विज्ञापन बनाए। उन्हें आर्ट सिनेमा का जनक भी माना जाता है। बॉलीवुड में बतौर निर्देशक श्याम ने अपनी शुरुआत ‘अंकुर’ से  की थी। इसके बाद उन्होंने मंथन, कलयुग,निशांत, आरोहण और जुनून जैसी कई यादगार फिल्में बनाईं।
श्याम बेनेगल

श्याम की शख्सियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी बनाई फिल्में पांच बार नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी हैं। नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, अमरीश पुरी, अनंत नाग, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल जैसी सितारे, श्याम बेनेगल की ही खोज माने जाते हैं। फिल्मों के अलावा श्याम जवाहर लाल नेहरू और सत्याजीत रे पर डॉक्यूमेंट्री भी बना चुके हैं।.इसके अलावा वह दूरदर्शन के लिए यात्रा,  कथा सागर, भारत एक खोज जैसे सीरियल का निर्देशन भी कर चुके हैं। श्याम की गिनती उन निर्देशकों में होती है, जिनकी तारीफ राजनेता भी करते थे। इंदिरा गांधी ने एक बार उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि उनकी फिल्में मनुष्यता को अपने मूल स्वरूप में तलाशती हैं। सत्यजीत रे के अवसान के पश्चात श्याम ने उनकी विरासत को संभाला है और इसे समकालीन संदर्भ प्रदान किया है। कला के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए साल 1991 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका  है। वहीं, साल 2007 में उन्हें भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *