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इस्राइल-हिजबुल्ला के बीच युद्धविराम के क्या कारण? जानें लेबनान और गाजा के लिए समझौते के मायने

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इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच बीते करीब दो महीने से जारी जंग में हजारों लोगों की जान जाने के बाद आखिरकार दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम पर सहमति बन गई। इसे लेकर फिलहाल शर्तों का खुलासा नहीं किया गया है, हालांकि इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वह कारण बताए हैं, जिसकी वजह से दोनों पक्षों में युद्धविराम को लेकर सहमति बनी है। – बेंजामिन नेतन्याहू ने इस समय युद्ध विराम करने के तीन कारण बताए। उन्होंने कहा कि पहला कारण ईरानी खतरे पर ध्यान केंद्रित करना है, और मैं उस पर विस्तार से नहीं बताऊंगा। – दूसरा कारण हमारे बलों को राहत देना और स्टॉक को फिर से भरना है। मैं खुले तौर पर कहता हूं, हथियारों और युद्ध सामग्री की डिलीवरी में बड़ी देरी हुई है। ये देरी जल्द ही हल हो जाएगी। हमें उन्नत हथियारों की आपूर्ति मिलेगी जो हमारे सैनिकों को सुरक्षित रखेगी और हमें अपने मिशन को पूरा करने के लिए अधिक स्ट्राइक फोर्स देगी। इसके अलावा, युद्ध विराम करने का तीसरा कारण मोर्चों को अलग करना और हमास को अलग-थलग करना है। – बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि युद्ध के दूसरे दिन से, हमास अपने पक्ष में लड़ने के लिए हिजबुल्ला पर भरोसा कर रहा था। हिजबुल्ला के बाहर होने के बाद अब हमास अकेला रह गया है। हम हमास पर अपना दबाव बढ़ाएंगे और इससे हमें अपने बंधकों को रिहा करने के हमारे मिशन में मदद मिलेगी।
लेबनान के लिए समझौते के क्या मायने?
पिछले साल 7 अक्तूबर को इस्राइल में घातक हमला हुआ था जिसके बाद पश्चिमी एशिया में तनाव फैल गया। यह संघर्ष बाद में कई मोर्चों पर शुरू हो गया जिसमें इस्राइल और लेबनान में मौजूद गुट हिजबुल्ला भी आपस में भिड़ गए। इस्राइल और हिजबुल्ला की खूनी जंग में लेबनान में 3750 से अधिक लोग मारे गए हैं और 10 लाख से अधिक लोगों को अपने घरों से बेघर होना पड़ा है। इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच युद्ध विराम से क्षेत्रीय तनाव में काफी हद तक कमी आने की उम्मीद है, जिसके कारण इस्राइल और ईरान के बीच सीधे युद्ध की आशंका भी बढ़ गई थी। इस्राइल के हमलों के चलते लेबनान में एक चौथाई आबादी विस्थापित हो गई है और देश के कुछ हिस्से, विशेष रूप से दक्षिणी लेबनान और राजधानी बेरूत के दक्षिणी इलाकों में, नष्ट हो गए हैं। ऐसे में युद्धविराम के बाद लेबनान में सामान्य स्थिति लौटने में मदद मिलेगी।
गाजा और हमास के लिए समझौते के क्या मायने?
इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच लेबनान में युद्धविराम पर सहमति बनने को अब गाजा और हमास के लिए अहम माना जा रहा है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि यह गाजा में सीजफायर लागू करवाने में अहम कदम साबित हो सकता है। इसके जरिए हमास की तरफ से बंधक बनाए गए इस्राइली लोगों को वापस लाने पर चर्चा मजबूत ढंग से हो सकेगी। नेतन्याहू ने खुद कहा है कि इस समझौते से हमास गाजा में अलग-थलग पड़ जाएगा और बंधक समझौते की संभावना बढ़ जाएगी। इसकी एक वजह यह है कि फलस्तीन के संगठन- हमास को यह अहसास हो गया होगा कि अब तक उसे इस्राइल के खिलाफ समर्थन दे रहा हिजबुल्ला संगठन इस संघर्ष से पीछे हट गया है और ऐसे में वह गाजा की लड़ाई में अकेला हो गया है। इससे हमास को यह भी पता चल जाएगा कि अब गाजा में उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आएगा। यह जमीनी जंग में एक बड़ा बदलाव है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अगर पहले हमास को लगता था कि गाजा में उसकी जंग को बड़े स्तर पर समर्थन था तो आज उसे समझ आ जाएगा कि अब ऐसा कुछ भी नहीं रहा