कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को केंद्र पर आरोप लगाया कि वह लोगों की कीमत पर ईंधन पर ऊंचे करों के जरिये मुनाफाखोरी कर रही है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई बढ़ने का एक कारण पेट्रोल और डीजल की कृत्रिम रूप से रखी गई ऊंची कीमतें हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सरकार पर हमला बोला और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से एक अंग्रेजी अखबार का संपादकीय पढ़ने का आग्रह किया, जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि 2010 और 2014 के बीच यूपीए और एनडीए सरकारों पर पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि हालांकि सितंबर 2014 के बाद से ‘नियंत्रण मुक्त’ सुधार रुक गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 से 2021 के बीच कच्चे तेल की कीमतें 60 डॉलर से नीचे थीं, जब रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था, तब यह चरम पर था, लेकिन सके बाद यह फिर गिरकर 75 डॉलर पर आ गया है। फिर भी, सरकार ने कच्चे तेल की कम कीमतों का लाभ पेट्रोल और डीजल की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को नहीं दिया है। उन्होंने आरोप लगाया, “यह स्पष्ट है कि सरकार आम लोगों की कीमत पर उच्च करों और उपकरों के माध्यम से ‘मुनाफाखोरी’ कर रही है।” उन्होंने कहा, “महंगाई बढ़ने का एक कारण पेट्रोल और डीजल की कृत्रिम रूप से ऊंची कीमतें रखना है। कांग्रेस केंद्र सरकार पर कच्चे तेल की कम कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं देने का आरोप लगा रही है और उनके लिए राहत की मांग कर रही है।”
ईंधन की कीमतें ऊंची रखकर मुनाफाखोरी कर रही सरकार, चिदंबरम ने केंद्र पर लगाया आरोप
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