प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रेलवे की नौकरियों के बदले जमीन से जुड़े धनशोधन मामले में मंगलवार को अपना पहला आरोपपत्र दायर किया जिसमें बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी सांसद बेटी मीसा भारती का नाम है। एजेंसी के अनुसार अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार के कथित ‘करीबी सहयोगी’ अमित कत्याल, कुछ अन्य व्यक्तियों और कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत के समक्ष आरोपपत्र दायर किया गया और अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 16 जनवरी की तारीख तय की है। ईडी ने कत्याल को पिछले साल नवंबर में इस मामले में गिरफ्तार किया था, जबकि लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को एजेंसी ने तलब किया था, लेकिन वे अभी तक पेश नहीं हुए हैं। यह कथित घोटाला उस समय का है जब प्रसाद संप्रग-1 सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप ‘डी’ के पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी को हस्तांतरित कर दी थी। पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज धनशोधन का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज शिकायत से उपजा है। सीबीआई इस मामले में पहले भी आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है।
ईडी ने पहली चार्जशीट दाखिल की, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी और सांसद मीसा भारती का नाम
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