महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों काफी खींचतान चल रही है। रविवार शाम शिवसेना (उद्धव गुट) की एमएलसी मनीषा कायंदे एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होंगी। उद्धव गुट के नेताओं ने कायंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें सब कुछ दिया फिर भी उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया। इससे पहले शनिवार को पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने भी उद्धव गुट से इस्तीफा दे दिया था। शिवसेना प्रवक्ता और विधायक संजय शिरसाट ने प्रेस वार्ता में बताया कि कायंदे सहित अन्य नेता एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में उनके आवास पर रविवार शाम पार्टी में शामिल होंगे। शिरसाट ने शिशिर का नाम नहीं लिया, बस अन्य नेता कहकर संबोधित किया। बता दें, कायंदे विधान परिषद की सदस्य हैं और परिषद में उनका कार्यकाल 27 जुलाई 2024 तक है। शिरसाट ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई नेता जब उनकी पार्टी छोड़ रहा है, तब तो वह बोल रहे हैं लेकिन वहीं जब वंचित बहुजन अघाड़ी प्रमुख प्रकाश आंबेडकर औरंगजेब की कब्र पर जाते हैं तो वह चुप्पी साध लेते हैं। कायंदे के भाजपा में शामिल होने पर उद्धव गुट के नेता विनायक राउत ने कहा कि वह भाजपा छोड़कर हमारे साथ आई थीं। यहां हमने उन्हें सब कुछ दिया। लेकिन दोबारा विधान परिषद में नामित न किये जाने की संभावना के कारण वह पार्टी छोड़ रही हैं। कांग्रेस के पूर्व विधायक आशीष देशमुख रविवार को भाजपा में शामिल हो गए। आशीष ने कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के पहले आशीष ने भाजपा का दामन थाम लिया । रविवार को नागपुर में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता में देशमुख भाजपा में शामिल हुए। पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ने में उनकी रुचि नहीं है, वह ओबीसी के लिए काम करना चाहते हैं। 2014 विधानसभा चुनाव में देशमुख ने भाजपा के टिकट से कटोल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने उस वक्त एनसीपी नेता और अपने चाचा अनिल देशमुख को हराकर विजय प्राप्त किया था। 2018 में पार्टी नेतृत्व से मनमुटाव के कारण देशमुख कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 2019 में कांग्रेस ने उन्हें नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट से देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ मैदान में उतारा था, जहां उन्हें करारी शिकस्त मिली थी।
उद्धव गुट का साथ छोड़ शिवसेना में शामिल होंगी मनीषा कायंदे; आशीष देशमुख ने फिर थामा भाजपा का दामन
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