महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को मुंबई में कांग्रेस नेताओं से बैठक की। बैठक के बाद ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमने 25-30 साल तक भाजपा से संबंध बनाए रखा, लेकिन उन्हें समझ नहीं आया कि कौन दोस्त है और कौन विरोधी। देश में लोकतंत्र की लड़ाई हम मिलकर लड़ेंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछली बार जब भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा मुंबई आए थे, तो उन्होंने कहा था कि यहां केवल एक ही पार्टी होगी और वह भाजपा है। यह अन्य सभी पार्टियों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात है। जिस तरह से उन्होंने शिवसेना को खत्म करने की कोशिश की और पार्टी को धोखा दिया, वे दूसरी पार्टियों के साथ भी ऐसा ही करने की कोशिश कर रहे हैं। ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बात की है। उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव एक साल भी दूर नहीं हैं। उद्धव ने संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बगैर केंद्र की मौजूदा सरकार के लिए ‘नरभक्षी’ और ‘सत्ता का भूखा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में लोकतंत्र को खत्म कर दिया है और इस ‘तानाशाही’ के खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर इसका मुकाबला करने की जरूरत है। वेणुगोपाल शाम को मुंबई पहुंचे और उन्होंने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ आधे घंटे से अधिक समय तक बैठक की। बैठक के बाद दोनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। वेणुगोपाल ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, हमने देखा है कि कैसे मोदी और अमित शाह द्वारा लोकतंत्र को नष्ट कर दिया गया है। मोदी की तानाशाही के खिलाफ साथ मिलकर लड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों में आम सहमति है। वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) विपक्षी पार्टियों, खासकर शिवसेना (यूबीटी) को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस का उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के साथ पूरी एकजुटता है। हम सब इस बात पर सहमत हैं कि हमें इन ताकतों (भाजपा) से मिलकर लड़ना है। मीडिया के एक सवाल पर उन्होंने कहा, मैंने उद्धवजी से सोनियाजी से मिलने दिल्ली आने का अनुरोध किया है। फिर राहुल गांधी भी निश्चित तौर पर मुंबई आएंगे। वेणुगोपाल ने दावा किया कि राजनीतिक दलों के बीच कुछ मतभेद हैं। उनकी अपनी विचारधाराएं हैं लेकिन देश एक बड़े मुद्दे का सामना कर रहा है। इस तरह का माहौल (मोदी सरकार के कार्यकाल के तहत) पहले कभी नहीं देखा गया है। ठाकरे के साथ अपनी चर्चा के बारे में बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह एक उपयोगी चर्चा थी, जहां बहुत सारे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। गौरतलब है कि शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने महाविकास आघाड़ी का गठन किया था, जो पिछले साल जून तक महाराष्ट्र में सत्ता में थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कुछ विधायकों की बगावत के कारण शिवसेना में विभाजन हो गया। इसके बाद शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे।
उद्धव ठाकरे का भाजपा पर तंज, कहा- हमने संबंध बनाए रखा, उन्हें समझ नहीं आया कौन दोस्त, कौन विरोधी
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