देश के अलग-अलग हिस्सों में विकास परियोजनाओं पर काम कर रही अदाणी समूह ने महाराष्ट्र की धारावी स्लम परियोजना पर बयान दिया है। समूह का कहना है कि धारावी स्लम को दोबारा विकसित करने की इस परियोजना के लिए निष्पक्ष और प्रतियोगी निविदा की प्रक्रिया अपनाई गई। अदाणी समूह ने धारावी प्रोजेक्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाई जाने वाली टेंडर की प्रक्रिया का पालन करने का भी दावा किया है। समूह का कहना है कि टेंडर की शर्तों को उसी समय अंतिम रूप दिया जा चुका था, जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार चला रहे थे। गौरतलब है कि धारावी के पुनर्विकास का जिम्मा अदाणी समूह को दिए जाने पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे /UBT) ने आक्रोश प्रकट किया है। शनिवार को पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने विरोध प्रदर्शन और मार्च की अगुवाई भी की। मार्च धारावी से शुरू होकर बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में अदाणी समूह के दफ्तर तक गया। विरोध के दौरान ठाकरे ने समर्थकों से कहा कि टेंडर प्रक्रिया में 100 करोड़ रुपये की टीडीआर अनियमितता सामने आई है। उन्होंने इसे दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया। समूह का बयान इसके बाद सामने आया। अदाणी ग्रुप ने धारावी प्रोजेक्ट के कुछ पहलुओं से जुड़ी फर्जी सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाते हुए इसके पीछे संगठित प्रयास होने की बात कही और ऐसा करने के लिए अफसोस भी जाहिर किया। टीडीआर से जुड़ी अनियमितताओं के आरोप पर धारावी प्रोजेक्ट के प्रवक्ता ने कहा, इसे पारदर्शी तरीके से मैनेज किया जा रहा है। ग्रेटर मुंबई नगर निगम (MCGM) ने इसके लिए खास तौर पर पोर्टल भी विकसित किया है। गौरतलब है कि जुलाई में महाराष्ट्र सरकार ने 259 हेक्टेयर में फैसले धारावी स्लम को दोबारा विकसित करने का जिम्मा औपचारिक रूप से अदाणी समूह की कंपनी को सौंप दिया था। शनिवार को जारी बयान में समूह ने कहा कि जून, 2022 तक एमवीए सरकार थी। टेंडर प्रक्रिया इससे पहले ही फाइनल कर दी गई थी। टेंडर मिलने के बाद शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया गया है ऐसे में खास फायदा कराने के आरोप निराधार हैं। समूह ने कहा कि धारावी में रहने वाले लोगों को इसी क्षेत्र में नया घर मिलेगा। जो लोग यहां रहने के लिए अधिकृत नहीं है उन्हें रेंटल हाउसिंग पॉलिसी के तहत घर मुहैया कराए जाएंगे। अदाणी समूह के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने 99 साल का लीज एग्रीमेंट किया है। भारतीय रेल भी इस समझौते में शामिल है। बाद में इसे 30+30 साल के आधार पर सब-लीज किया जाएगा। मुंबई की दूसरी सरकारी जमीनों की तरह इसे भी हाउसिंग सोसाइटी को दिया जाएगा। अदाणी ग्रुप ने साफ किया कि धारावी पुनर्विकास परियोजना की नीतियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
‘उद्धव ठाकरे के CM रहते टेंडर की शर्तें तय हुईं’; धारावी स्लम मामले पर अदाणी समूह का बयान
127