महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में आई बाढ़ और भारी बारिश से पीड़ित लोगों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के तत्काल राहत पैकेज की घोषणा की है। सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि त्यौहारों से पहले बाढ़ पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए दीवाली तक राशि का वितरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कुल पैकेज में से 5,500 करोड़ रुपये कृषि कार्यों के लिए, 2,635 करोड़ रुपये सड़क और पुलों के पुनर्निर्माण के लिए, ग्रामीण सड़कों और पानी की आपूर्ति के लिए 1,000 करोड़ रुपये, शहरी विकास के लिए 300 करोड़ रुपये, बिजली उपयोगिताओं के लिए 239 करोड़ रुपये और जल संसाधनों के लिए 102 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य के लंबित बकायों पर गौर करने का भी आग्रह किया है।सीएम ठाकरे ने कहा, “केंद्र को राज्य सरकार को 38,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। अगर उन्होंने राशि को मंजूरी दे दी होती, तो हमें राहत पैकेज की घोषणा करने में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता।”
इसके साथ ही सीएम उद्धव ठाकरे ने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी से बाढ़ पीड़ितों के राहत और पुनर्वास को लेकर राजनीति नहीं करने की भी अपील की। उद्धव ठाकरे ने कहा, “मैं राजनीति पर चर्चा नहीं करना चाहता। जो भी मुझे कहना है, मैं दशहरा रैली में शिवसेना अध्यक्ष के तौर पर कहूंगा।”
सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में शिवसेना की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस ने इस राहत पैकेज का स्वागत किया है और कहा कि इससे हाल की अभूतपूर्व भारी बारिश और कई जिलों में आई बाढ़ से परेशान किसानों और अन्य लोगों को मदद मिलेगी। शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने पैकेज की सराहना की और कहा कि केंद्र को बाढ़ पीड़ितों के लिए तुरंत 50,000 करोड़ रुपये का पैकेज जारी करना चाहिए।
वहीं राज्य के एनसीपी अध्यक्ष और मंत्री जयंत पाटिल ने पैकेज का स्वागत करते हुए कहा कि यह प्रभावित लोगों को इस बड़ी त्रासदी के बाद उनके जीवन के पुनर्निर्माण में मदद करेगा। वहीं राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, जो राज्य कांग्रेस प्रमुख भी हैं, उन्होंने कहा कि एमवीए सरकार संकट के इस समय में किसानों के पीछे मजबूती से खड़ी है और सहायता पैकेज उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करेगा।