महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार बनते ही अब शिवसेना ने बागी विधायकों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। शिंदे गुट में शामिल हुए विधायक संतोष बांगर को हिंगोली जिला इकाई के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है।शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने सोमवार को बांगर को पद से हटाने की घोषणा की और कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के तहत कार्रवाई शुरू की गई थी। उधर, मराठी प्रकाशन ने कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के आदेश पर उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया गया है। एकनाथ शिंदे गुट ने चार जुलाई को फ्लोर टेस्ट दिया। उसी दिन ही संतोष बांगर शिंदे खेमे में शामिल हुए थे। बता दें कि, पिछले महीने शिंदे और पार्टी के कुछ अन्य विधायक उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ हो गए। उस दौरान 2019 में हिंगोली जिले के कलामनुरी से विधानसभा चुनाव जीतने वाले संतोष बांगर का रोते हुए का एक वीडियो सामने आया था। वीडियो में बांगर बागी हुए विधायकों को वापस आने की अपील कर रहे थे। वीडियो में बांगर को रोते हुए कह रहे थे कि राज्य में माहौल खराब हो गया है। शिंदे का समर्थन करने वाले सभी विधायकों को पार्टी में वापस आना चाहिए क्योंकि ठाकरे उन्हें माफ कर देंगे। पिछले महीने शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के अधिकांश विधायकों ने पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी। ये शिंदे खेमे में आ गए। बागी हुए विधायकों की वजह से महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई। गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली। 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के 55 विधायक हैं, जिनकी वर्तमान संख्या 287 है। शिवसेना के एक विधायक की मौत हो गई थी। शिंदे सरकार के 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 99 ने इसके खिलाफ मतदान किया।
एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल हुए विधायक संतोष बांगर को शिवसेना ने अध्यक्ष पद से हटाया
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