कनाडा सरकार फर्जी इमिग्रेशन मामले में फंसे भारतीय छात्रों को तत्काल भारत नहीं भेजने का फैसला किया है। इसके साथ ही एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो इस पूरे मामले को देखेगा। छात्र फर्जी विश्वविद्यालय का प्रवेश पत्र लेकर देश पहुंचे थे। बुधवार को कनाडा के आव्रजन मंत्री ने घोषणा की कि प्रत्येक मामले को देखने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। कनाडा सरकार ने पिछले हफ्ते छात्रों के निर्वासन पर रोक लगा दी थी, जिन्हें अपने देश जाने के लिए मजबूर किया गया था। कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने हाल ही में लगभग 700 भारतीय छात्रों को निर्वासन पत्र जारी किया था, जिनमें से ज्यादातर पंजाब से थे, क्योंकि कनाडा के विश्वविद्यालयों में उनके प्रवेश पत्र फर्जी पाए गए थे। भारतीय छात्रों के फर्जी प्रवेश पत्र मामला कनाडा की संसद में भी गूंजा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनका ध्यान दोषियों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने पर नहीं है। ट्रूडो ने कहा था, “इस धोखाधड़ी के पीड़ितों के पास अपने मामले के लिए साक्ष्य प्रदर्शित करने और पेश करने का अवसर होगा। हम अंतरराष्ट्रीय छात्रों द्वारा हमारे देश में लाए जाने वाले अपार योगदान को पहचानते हैं।”
कनाडा भारतीय छात्रों को वापस नहीं भेजेगा देश, टास्क फोर्स करेगी मामले की जांच
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