#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

कांग्रेस ने 50-50 की जंग को कैसे जीत में बदला? पहाड़ में नड्डा का आदर पर वोट से समझौता नहीं

174

हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा, लगभग बराबर चल रही थी। हालांकि चुनाव प्रचार की बात करें तो उसमें भाजपा, कांग्रेस के मुकाबले काफी आगे थी। पहाड़ी राज्य में कांग्रेस की ओर से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला था। रैलियों की सफलता के मामले में लोगों ने दोनों ही दलों की खुशी का ध्यान रखा। भीड़ के लिहाज से पीएम मोदी और प्रियंका गांधी, किसी की भी रैली कमजोर नहीं थी। बिलासपुर को राज्य के पहले एम्स की सौगात दी गई। चुनाव प्रचार खत्म होने से लेकर एग्जिट पोल आने तक, दोनों दलों के बीच 50/50 का मुकाबला देखा गया। जैसे ही ईवीएम खुली तो कांग्रेस पार्टी ने इस कड़े मुकाबले को जीत में बदल दिया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लेकर वोटरों के दिल में यह बात जरुर थी कि वे हिमाचल से हैं। अगर भाजपा विजयी होती है तो उनका कद और ज्यादा बढ़ जाएगा। इसका फायदा हिमाचल प्रदेश को मिलेगा, लेकिन लोगों ने ‘डबल इंजन’ के फायदे और नड्डा का आदर, दिमाग में तो रखा, लेकिन मत डालते वक्त वोटरों ने केवल अपने मन की सुनी। भाजपा ने अपने चुनाव प्रचार में डबल इंजन की सरकार की जमकर दुहाई दी थी। जिस तरह से बिलासपुर को एम्स की सौगात मिली है, वैसे ही दूसरे इलाकों में लोगों को कई बड़े प्रोजेक्ट लाने का भरोसा दिलाया गया। चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से लेकर स्थानीय नेताओं ने ‘रिवाज’ बदलने की बात कही। पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अनेक स्टार प्रचारकों ने पहाड़ी राज्य में जमकर प्रचार किया था। चुनाव प्रचार के दौरान बिलासपुर के गांव मंडी मानवा में बोराराम, रमेश जिंदल व राम प्रकाश ने कहा था, देखिये जेपी नड्डा का बहुत लोग सम्मान करते हैं। प्रदेश की राजनीति में रहते हुए उन्होंने कई बार यहां से चुनाव लड़ा था। दो बार जीत दर्ज की। अब वे केंद्र में पार्टी के शीर्ष पद पर हैं। यहां के लोगों के मन में उनके प्रति सम्मान है। लोगों को मालूम है कि प्रदेश में भाजपा की जीत, नड्डा के कद को बढ़ा देगी। इसके साथ ही लोगों ने कहा, यह चुनाव बहुत अहम है। यहां के लोग जागरूक हैं। सबकी सुनतें हैं, सबकी रैलियों में जाते हैं, लेकिन वोट अपने मन की आवाज पर ही देते हैं। हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भावनात्मक कार्ड खेला गया। वोटरों को यह कह कर प्रभावित करने का प्रयास हुआ कि पहाड़ को ‘नड्डा’ के सम्मान का ध्यान रखना है। डबल इंजन में ही ‘पहाड़’ का बेहतर विकास संभव है। शिमला के रिज मैदान पर उमानंद का कहना था, हिमाचल की जनता समझदार है। अगर कोई डबल इंजन या रिवाज की बात करता है तो वह सब यहां नहीं चलेगा। लोगों में किसी पार्टी के प्रति कट्टरता का भाव नहीं है। हिमाचल की जनता पढ़ी-लिखी और जागरूक है। चुनाव में ‘पुरानी पेंशन बहाली’ का मुद्दा खूब गर्माया है। तकरीबन हर घर में कोई न कोई सरकारी कर्मचारी है। यूं भी कह सकते हैं कि हर चौथा व्यक्ति सरकारी विभाग, निगम या किसी सहयोगी संगठन में कार्यरत है। यहां पर गिनी चुनी सीट ही ऐसी होती हैं, जहां हार जीत का बड़ा फासला होता है। अधिकांश सीटों पर जीत-हार का अंतर बहुत छोटा होता है। कांग्रेस पार्टी ने सरकारी कर्मियों से वादा किया है कि वह सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करेगी। सरकारी कर्मी इस वादे को लेकर बहुत संजीदा हैं।

कांग्रेस पार्टी ने आंतरिक सर्वे के बाद लगाई बाजी … 
भाजपा ने ‘ओपीएस’ को लेकर हिमाचल में कोई वादा नहीं किया था। पार्टी को यकीन था कि इससे पहले उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के चुनाव में भी कांग्रेस ने यह मुद्दा उठाया था। वहां पर ओपीएस का मुद्दा उठाने से कांग्रेस को फायदा नहीं हुआ। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर आंतरिक सर्वे कराया था। उसमें कर्मचारियों की भारी नाराजगी सामने आई। हर विधानसभा क्षेत्र में सरकारी कर्मचारी, 15-20 हजार से ज्यादा वोटों की ताकत रखते हैं। इसके बाद पार्टी ने जब अपना घोषणा पत्र जारी किया तो उसमें सरकारी कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन लागू करने का ऐलान कर दिया। 18 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर माह 15 सौ रुपये देने और 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर दी गई। चुनाव में सरकारी कर्मियों की नाराजगी और भाजपा के बागियों का फायदा उठाने में कांग्रेस सफल रही। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पार्टी की हार के लिए बागियों को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने पुरानी पेंशन लागू करने को लेकर न तो कोई वादा किया और न ही इस बाबत विचार करने की बात कही। दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी ने इसी मुद्दे पर बाजी लगा दी। ओपीएस और बाग़ियों ने भाजपा का खेल बिगाड़ दिया। दोनों पार्टियों को मिले वोटों का अंतर बड़ा नहीं है। वोटों के महज एक फ़ीसदी के अंतर ने सीटों के मामले में बड़ा उलटफेर कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *