भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने अरविंद केजरीवाल की रिहाई पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई में देरी के आधार पर दिल्ली के मुख्यमंत्री को जमानत दी गई है। लेकिन इसे रिहाई नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी सुनवाई में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही बताया है। उसके पहले भी अदालत की कार्रवाई में शराब घोटाले को सही पाया गया है, इसीलिए इस मामले पर आम आदमी पार्टी का रुख बिल्कुल सही नहीं है। बांसुरी स्वराज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को इस मामले में केवल सुनवाई में देरी होने के आधार पर जमानत मिली है। वे न तो ऑफिस जा सकेंगे, ही किसी आधिकारिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर सकेंगे और न ही इस मामले पर कोई टिप्पणी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी आम आदमी पार्टी जश्न मना रही है तो यह आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल पूरे शराब घोटाले के सूत्रधार हैं और उन्हें जल्द ही दुबारा जेल जाना पड़ेगा। क्या अरविंद केजरीवाल की रिहाई के बाद भी भाजपा दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में है? अमर उजाला के इस प्रश्न पर बांसुरी स्वराज ने कहा कि भाजपा ने कभी भी दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग नहीं की है। लेकिन अरविंद केजरीवाल के कारण दिल्ली की जनता के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि, इस मामले में भाजपा नेताओं ने राष्ट्रपति से मिलकर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी और राष्ट्रपति ने भाजपा नेताओं की इस मांग का पत्र गृह मंत्रालय को भेज दिया है।
केजरीवाल की रिहाई होते ही पलटी भाजपा, सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा- हमने नहीं की राष्ट्रपति शासन की मांग
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