मुंबई
मुंबई में कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह से नियंत्रित में आ गई हो, लेकिन तीसरी लहर के कभी भी दस्तक देने की आशंका विशेषज्ञों ने जताई है। इससे निपटने के लिए बीएमसी पूरी तरह से जुट गई है। मुंबई में फील्ड अस्पताल यानी जंबो कोविड केयर सेंटर्स की शृंखला तैयार की जा रही है। चार नए जंबो सेंटर्स में से मालाड जंबो सेंटर्स तैयार है, साथ ही बीकेसी, मुलुंड और दहिसर जंबो सेंटर्स की मरम्मत पूरी हो चुकी है। बीएमसी प्रशासन के अनुसार इनमें प्रत्येक जंबो कोविड सेंटर्स में 250 बेड तीसरी लहर के दस्तक के साथ फौरन ऐक्टिवेट कर दिए जाएंगे।
मुंबई में फरवरी के दूसरे सप्ताह में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दी थी, जो अब नियंत्रित होती दिखाई दे रही है। रोजाना औसतन 30 हजार लोगों का कोरोना टेस्ट किया रहा है, जिसमें महज 1 प्रतिशत लोग ही कोविड पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। इसके बावजूद तीसरी लहर की आशंका और महामारी की रोकथाम को लेकर बीएमसी कहीं कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है। इसके लिए प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य मशीनरी को लगातार और मजबूत किया जा रहा है।
मलाड, कांजुरमार्ग, महालक्ष्मी रेसकोर्स और सायन के नए जंबो सेंटर्स से बीएमसी को 5500 बेड उपलब्ध होने वाले हैं, जिसमें 80 प्रतिशत बेड ऑक्सिजन युक्त होंगे। इनमें से मालाड जंबो सेंटर्स को तैयार कर एमएमआरडीए ने बीएमसी को गत दिनों हस्तांतरित कर दिया है। इसके अलावा मरम्मत के लिए कई महीनों से बंद पड़े बीकेसी, मुलुंड और दहिसर जंबो कोविड सेंटर्स भी तैयार हो चुके है। फिलहाल इन्हें अभी शुरू नहीं किया गया है।
बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि वर्तमान में गोरेगांव का नेस्को, अंधेरी का सेवन हिल्स, वरली का एनएससीआई और भायखला का जंबो कोविड सेंटर्स शुरू हैं और फिलहाल मामले भी कम हैं। रोज मिलने वाले मरीजों में से 5 फीसद मरीज को ही अस्पताल की जरूरत पड़ती है। उन्होंने बताया कि संभावित तीसरी लहर जैसे ही दस्तक देगी, उसी समय बंद पड़े और नए जंबो सेंटर्स के बेड ऐक्टिवेट कर दिए जाएंगे। चरणबद्ध तरीके से इन सेंटर्स के सभी बेड्स ऐक्टिव कर दिए जाएंगे। पहले दौर में हर जंबो कोविड सेंटर में 250 बेड ऐक्टिवेट किए जाएंगे, जिनमें 70 फीसद बेड ऑक्सिजन युक्त, 10 फीसद आईसीयू, 10 फीसद वेंटिलेटर और 10 फीसद पीडियाट्रिक बेड्स होंगे।