बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता निर्माता और निर्देशक सतीश कौशिक की बीती रात गुरुग्राम में मृत्यु हो गई। हालांकि मौत का कारण तो अब पोस्टमार्टम से ही पता चलेगा, लेकिन अंदेशा यह भी लगाया जा रहा है कि मोटापे की वजह से सतीश कौशिक को हार्टअटैक आया। चिकित्सकों के मुताबिक मोटापे के चलते हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। साथ ही, डायबिटीज समेत दिल के कई रोग होने का खतरा होता है। डॉक्टरों का कहना है कि 30 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को अपना नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और शुगर समेत ब्लड टेस्ट कराते रहना चाहिए। मुंबई से गुरुग्राम अपने दोस्तों के साथ होली मनाने पहुंचे फिल्म अभिनेता और निर्माता निर्देशक सतीश कौशिक की बुधवार देर रात फोर्टिस अस्पताल में मृत्यु हो गई। फोर्टिस के डॉक्टरों का कहना है कि जिन हालात में सतीश कौशिक पहुंचे थे, पहली नजर में हार्ट अटैक जैसा मामला तो नजर नहीं आ रहा था। इसलिए पुलिस को सूचित कर पोस्टमार्टम शुरू करने को कहा गया है। हालांकि इस मामले में चिकित्सकों का अलग ही कहना है। कार्डियोवैस्कुलर डिजीज प्रीवेंशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के सदस्य और वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रोहित मनोज कहते हैं कि सतीश कौशिक की मृत्यु का असली कारण तो पोस्टमार्टम से पता चलेगा। लेकिन यह बात बिल्कुल तय है कि यदि मोटापे के चलते दिल की बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। मोटापे के चलते न सिर्फ धमनियों में खून के प्रवाह में समस्या आती है, बल्कि इसके चलते कई तरह के रोग होने की संभावनाएं भी कई गुना बढ़ जाती है। डॉक्टर रोहित मनोज कहते हैं कि देश में जिस तरीके से मोटापे के साथ-साथ कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ा है, वह चिंता का विषय है। उनका कहना है कि लोगों को एक नियमित अंतराल पर अपने ब्लड टेस्ट के साथ-साथ ब्लड प्रेशर और शुगर समेत ईसीजी और कुछ अन्य टेस्ट अवश्य कराते रहना चाहिए। ताकि अगर किसी भी तरीके की कोई समस्या सामने आ रही हो, तो उसको वक्त रहते पहचाना जा सके और उसका इलाज किया जा सके। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) दिल्ली के फिजिशियन डॉक्टर अनन्या गुप्ता कहते हैं कि लाइफ़ स्टाइल डिजीज साइलेंट किलर बीमारी के तौर पर आगे बढ़ रही है। लोग अपनी बीमारियों को वक्त रहते पहचान नहीं पाते हैं। नतीजतन हार्ट अटैक बढ़ गए हैं। मेदांता में कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर आरके सरन कहते हैं कि बदलती लाइफ स्टाइल के चलते ही कार्डियो वैस्कुलर डिजीज और मोटापा बढ़ रहा है। उनका कहना है कि एक नियमित अंतराल पर हर व्यक्ति को अपना ब्लड प्रेशर और शुगर और चेक कराते रहना चाहिए। वे कहते हैं कि अगर आपकी लंबाई के अनुसार आपका वजन ज्यादा है, तो यह गंभीर बीमारियों की ओर संकेत करता है। लोगों को वक्त रहते थे न सिर्फ सतर्क हो जाना चाहिए बल्कि नियमित जांच जरूर करानी चाहिए। डॉक्टर सरन कहते हैं कि बदलती लाइफस्टाइल में किसी भी तरीके की बीमारी से बचने के लिए बेहतर उपाय योगा और मॉर्निंग वॉक है। हफ्ते में पांच दिन की जाने वाली ब्रिस्क वॉक दिल के रोगों के खतरे को न सिर्फ कम करती है, बल्कि हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियों से भी बचाव करती हैं। देश में बढ़ रही लाइफ़स्टाइल और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के चलते ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अपने देश में डेढ़ लाख ऐसे स्वास्थ्य केंद्र खोलने की शुरुआत की है, जो लोगों के घरों के आसपास ही होंगे। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से न सिर्फ जानकारी प्राप्त की, बल्कि देश के लोगों को ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों के बारे में भी अवगत कराया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की योजना के मुताबिक घरों के पास में तैयार किए जाने वाले डेढ़ लाख पास केंद्रों में लाइफ़स्टाइल डिजीज को रोकने और वक्त पर पहचान करने के साथ इलाज के पूरे बंदोबस्त होंगे। ब्लड प्रेशर, शुगर और ईसीजी टेस्ट भी किए जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से किए जाने वाले नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में भी लाइफस्टाइल डिजीज जिसमें ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी बीमारी के बढ़ने का ट्रेंड पता चला था।
क्या मोटापे की वजह से गई सतीश कौशिक की जान? लाइफ स्टाइल डिजीज से कई गुना बढ़ा खतरा
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