ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे के साथ ही मौत के आंकड़ों पर जारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को घटनास्थल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने हादसे में पांच सौ से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका जताई। हालांकि, वैष्णव तुरंत आपत्ति जताई और कहा कि यह आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। एक दिन बाद बनर्जी ने फिर मृतकों की संख्या के मुद्दे पर सरकार पर हमला किया। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, जो (भाजपा नीत केंद्र सरकार) इतिहास बदल सकते हैं, वे किसी भी संख्या को बदल सकते हैं। लोगों के साथ खड़े होने के बजाय वे मुझे, नीतीश जी, लालू जी को अपशब्द कह रहे हैं… गोधरा (2002 में) में चलती ट्रेन में आग कैसे लग गई ?… इतने सारे लोग मारे गए, उन्हें कम से कम माफी मांगनी चाहिए थी। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यह भी सवाल किया कि बालासोर रेल हादसे के बाद क्या वंदे भारत एक्सप्रेस के इंजन ऐसी ट्रेनों के लिए फिट हैं? उन्होंने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जिस दिन यह घटना हुई उसी दिन हमने 150 एम्बुलेंस, 50 डॉक्टर, नर्स, बस और आपदा प्रबंधन की टीम दुर्घटनास्थल भेजी। हम ओडिशा सरकार का पूरा सहयोग कर रहे हैं। बनर्जी ने कहा, इस दुर्घटना में पश्चिम बंगाल के 62 लोगों की मृत्यु हो गई। यहां 206 लोगों का इलाज चल रहा है। ओडिशा में पश्चिम बंगाल के 73 लोग भर्ती हैं और 56 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। 182 लोगों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। राज्य सरकार मृतक के परिवारों को 5 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को 1 लाख रुपए देगी, उनका पूरा इलाज कराएगी और 3 महीने तक उनकी सहायता भी करेगी। जिन लोगों को मामूली चोट आई है उन्हें राज्य सरकार 25 हज़ार रुपए देगी। कल मेरे साथ रेल मंत्री और धर्मेंद्र प्रधान दोनों खड़े थे लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा, मैं बहुत कुछ कह सकती थी क्योंकि मैं खुद रेल मंत्री रही हूं…कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस में एंटी कोलिशन डिवाइस क्यों नहीं था? रेलवे को सिर्फ बेचने के लिए छोड़ दिया है।
- बालासोर दुर्घटना से बचकर जो लोग अपने घर आ गए हैं लेकिन ट्रॉमा में हैं उन्हें राज्य सरकार 10 हज़ार रुपए देगी और आने वाले तीन महीने तक प्रति परिवार को 2 हज़ार रुपए और राहत सामग्री दी जाएगी।
- मेरे पास एक मैसेज आया जिसमें एक बड़ी लिस्ट थी कि नीतीश, लालू और मेरे समय में कितने लोग मारे गए? क्या कभी इन लोगों ने सोचा कि मैंने अपने समय में रेलवे को कितना आधुनिक किया। सारी जानकारी गलत है…मैं पूछती हूं कि गोधरा में कितने लोग मारे गए थे?
- हम लोगों ने बहुत मेहनत से काम किया है। जितनी भी मेट्रो ट्रेन है हमने हमारे समय में बनाई। मुंबई रेलवे विकास कॉरपोरेशन किसने बनाया था? अपने समय में इसे मैंने बनाया था। अगर मैं नहीं होती तो दिल्ली मेट्रो शुरु ही नहीं होती।
- कल जब मैंने एंटी कोलिशन वाली बात का जिक्र किया तो रेल मंत्री चुप क्यों थे? दो तरह के बयान आ रहे हैं, दाल में कुछ काला है। मैं चाहती हूं जो सच है वह सामने आए। मुझे रेल मंत्री का इस्तीफा नहीं चाहिए।