संसद में आम बजट पेश होने होने में महज चंद दिन बाकी हैं। ऐसे में आम आदमी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से राहत पाने की उम्मीद कर रहा है। ट्रेनों में सफर करने वाले आम यात्री भी ट्रेनों में सुरक्षा से लेकर किराया कम करने की उम्मीद कर रहे है। इस बीच, वरिष्ठ नागरिकों को भी बजट में रेलवे रियायत की संभावित बहाली को लेकर काफी उम्मीदें हैं। दरअसल, इन दिनों भारतीय रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों को किराये में मिलने वाली छूट ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है। बीते दिनों लोकसभा चुनाव के दौरान भी यह मुद्दा सामने आया था। अब बजट से पहले इस छूट की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है, जो कोरोना काल से बंद है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि वरिष्ठ नागरिकों को किराये में मिलने वाली छूट इस साल के बजट में दोबारा बहाल की जा सकती है। भारतीय रेल से यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को लंबे समय से किराये में छूट का लाभ मिल रहा था। हालांकि यह छूट मार्च 2020 से बंद हो गई है। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के अलावा महिलाओं को मिलने वाली छूट भी तब से बंद है। इससे पहले तक महिलाओं और सीनियर सिटीजंस को किराये में 50 फीसदी, जबकि पुरुष और ट्रांसजेंडर सीनियर सिटीजन को 40 फीसदी की छूट मिलती थी। रेलवे के हिसाब से 60 साल या उससे ऊपर के पुरुषों और ट्रांसजेंडर तथा 58 वर्ष या उससे ऊपर की महिलाओं को वरिष्ठ नागरिक माना जाता है। इन्हें राजधानी, शताब्दी, दूरंतो और जन शताब्दी ट्रेन समेत सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में किराए पर रियायत मिलती थी। साल 2022 में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद को बताया था कि सीनियर सिटीजन को रेलवे रियायत बहाल करने की लगातार मांग की जा रही है। इस तरह की बहाली से सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। दिसंबर 2023 में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मुद्दे पर कहा था कि रेलवे ने 2019-20 में समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की पर्याप्त सब्सिडी प्रदान की है, जो प्रत्येक रेल यात्री के लिए औसत 53 फीसदी की रियायत है। यह सब्सिडी सभी यात्रियों के लिए जारी रहेगी। इसमें विकलांग व्यक्तियों (दिव्यांगजन) की चार कैटेगरी, रोगियों की 11 कैटेगरी और छात्रों की आठ कैटेगरी समेत विभिन्न कैटेगरी के लिए अतिरिक्त रियायत दी गई हैं।
छूट बंद करने से रेलवे को हुआ था फायदा
हाल ही में एक आरटीआई में खुलासा हुआ था कि वरिष्ठ नागरिकों की सब्सिडी बंद करने से रेलवे की कमाई बढ़ी है। रेलवे ने आरटीआई में बताया था कि एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच उसने करीब 8 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को रियायतें नहीं दीं। इनमें लगभग 4.6 करोड़ पुरुष, 3.3 करोड़ महिलाएं और 18,000 ट्रांसजेंडर शामिल थे। इस अवधि में वरिष्ठ नागरिकों से रेलवे को कुल 5,062 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। उसमें सब्सिडी खत्म होने से अर्जित अतिरिक्त 2,242 करोड़ रुपये शामिल हैं।