उत्तर भारत में इन दिनों बच्चों की गर्मियों की छुट्टियां चल रही हैं। लोग विभिन्न कारणों से शहरों के बाहर जा रहे हैं। ऐसे में ट्रेन से लेकर प्लेन तक में जबरदस्त भीड़ चल रही है। इन दिनों ट्रेनों में कन्फर्म टिकट मिलना मुश्किल हो गया है। इस वजह से लोग फ्लाइट का विकल्प चुन रहे हैं। इससे फ्लाइट का किराया भी आसमान छूने लगा है। फ्लाइट का किराया महंगा होने की सबसे बड़ी वजह गो-फर्स्ट एयरलाइंस का दिवालिया होना है। क्योंकि यह कंपनी सस्ती विमान सेवाओं के लिए जानी जाती है। गो-फर्स्ट के बंद होने के बाद यात्रियों ने मजबूरी में इंडिगो, स्पाइसजेट, विस्तारा और एयर इंडिया की फ्लाइट्स बुक करना शुरू दिया, जिससे उनका किराया डेढ़ से चार गुना तक बढ़ गया है। मई माह में देश के भीतर 1.32 करोड़ से अधिक लोगों ने सफर किया है। इससे पहले दिसंबर 2019 में सबसे ज्यादा 1.30 करोड़ लोगों ने हवाई यात्रा की थी। इस बीच गो-फर्स्ट के बंद होने के बाद सबसे ज्यादा फायदा इंडिगो को हुआ है। कंपनी की बाजार में हिस्सेदारी मई माह में 61.4 फीसदी तक हो गई है। यह कंपनी का अब तक का रिकॉर्ड है। इंडिगो के अलावा भी अन्य विमानन कंपनियों की बाजार में हिस्सेदारी बढ़ी है। मगर सबसे ज्यादा फायदा इंडिगो को ही हुआ। देश के भीतर मई माह में 1.32 करोड़ से अधिक लोगों ने सफर किया है। अप्रैल के मुकाबले यह संख्या तीन फीसदी बढ़ी। मई विमानन कंपनियों के लिए इस लिहाज से भी बढ़िया रहा क्योंकि इस महीने रिकॉर्ड संख्या में लोगों ने हवाई सफर किया। इससे पहले दिसंबर 2019 में सबसे ज्यादा 1.30 करोड़ लोगों ने हवाई यात्रा की थी। नागर विमानन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इंडिगो की उड़ानों से 81 लाख से अधिक लोगों ने सफर किया और देसी विमानन बाजार में कंपनी ने 61.4 फीसदी हिस्सेदारी पर कब्जा जमा लिया। साल 2023 के पहले चार महीनों में इंडिगो की बाजार में हिस्सेदारी 54 से 58 फीसदी के बीच रही। इससे पहले जुलाई 2020 में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 60 फीसदी के पार गई थी। इंडिगो की रोजाना 1,600 घरेलू उड़ानें चलती हैं। देश में कुल दैनिक उड़ानों में इसकी हिस्सेदारी करीब 58 फीसदी होती है।
इन विमानन कंपनियों की इतनी है बाजार में हिस्सेदारी
विमानन कंपनी | अप्रैल | मई |
एयर एशिया | 7.6% | 7.9% |
एयर एशिया | 7.6% | 7.9% |
एयर इंडिया | 8.6% | 9.4% |
आकाश एयर | 4.0% | 4.8% |
गो फर्स्ट | 6.4% | 0.4% |
इंडिगो | 57.4% | 61.4% |
स्पाइसजेट | 5.8% | 5.4% |
विस्तारा | 8.7% | 9.0% |
इसके अलावा टाटा समूह के नियंत्रण वाली विमानन कंपनियों (एयर एशिया, एयर इंडिया और विस्तारा) और आकाश एयर की हिस्सेदारी भी अप्रैल के मुकाबले बढ़ गई। मगर स्पाइसजेट की बाजार हिस्सेदारी मई में कम होकर 5.4 फीसदी (अप्रैल में 5.8 प्रतिशत) रह गई। मई में तकरीबन 87.7 फीसदी मुसाफिरों ने इंडिगो और टाटा समूह की विमानन कंपनियों की उड़ानों से सफर किया। एक महीना पहले इन विमानन कंपनियों की कुल बाजार हिस्सेदारी 82.4 फीसदी थी। मई में फ्लाइट की कमी और हवाई सफर की मांग बढ़ने से सभी विमानन कंपनियों की अधिक से अधिक सीटें भरी रहीं। स्पाइसजेट की सबसे ज्यादा 94.8 फीसदी सीटें भरी रहीं। गो फर्स्ट की उड़ान दो मई के बाद ठप की गई थीं। इन दो दिनों में 48,000 लोगों ने उसकी उड़ान का इस्तेमाल किया था। कंपनी के पास 54 विमान हैं और वित्तीय संकट में घिरने से पहले उसके 26 विमान ही उड़ान भर रहे थे। बाकी विमान इंजन नहीं मिलने के कारण खड़े रहे। गो फर्स्ट की बाजार हिस्सेदारी इस साल जनवरी में 8.4 फीसदी और फरवरी में 8 फीसदी थी। मार्च बाद के दो महीनों में यह कम होकर 6.9 फीसदी और 6.4 फीसदी रह गई। इधर, दिल्ली से बिहार, जम्मू कश्मीर, मुंबई, ओडिशा समेत दक्षिण भारत में जाने वाली अधिकांश ट्रेनों में भीड़ बढ़ी हुई नजर आ रही है। ट्रेनों में भी लंबी वेटिंग से यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। इसी वजह से हवाई जहाज का किराया भी आसमान छूने लगा है। ट्रैवल जानकारों का कहना है कि तत्काल कोटे में कंफर्म टिकट हासिल करने के लिए यात्रियों को मशक्कत करनी पड़ रही है। गर्मियों की छुट्टियों के चलते दिल्ली से बिहार और जम्मू कश्मीर जाने वाली ट्रेनों में ज्यादा भीड़ है। दक्षिण भारत जाने वाली ट्रेन भी फुल चल रही है। हालांकि मुंबई से दिल्ली आने वाले ट्रेनों में अब भीड़ कम हुई है। अमर उजाला से चर्चा में ट्रेवल जानकार कहते हैं कि गो फर्स्ट जो सस्ती विमान सेवाओं के लिए जाना जाता है, लोगों ने अपने बजट के हिसाब से उसमें बुकिंग करवाई थी, लेकिन अब गो फर्स्ट का सस्ता उनके लिए काफी महंगा पड़ रहा है। एयरलाइंस की उड़ानें रद्द होने के बाद यात्रियों को दूसरी विमान सेवाओं में अपनी टिकट बुक करवानी पड़ रही है। यात्रियों से डेढ़ से पांच गुना तक अधिक किराया वसूला जा रहा है। दूसरी एयरलाइंस कंपनियों ने फ्लाइट टिकटों के रेट बढ़ा दिए हैं। खासकर उन रूट्स पर जहां गो फर्स्ट का दबदबा था। गो फर्स्ट का परिचालन बंद होने से अन्य फ्लाइटों की मांग अचानक बढ़ गई है। इसलिए कई रूटों पर हवाई किराये में वृद्धि देखने को मिल रही है। इन मार्गों में दिल्ली-श्रीनगर, मुंबई-गोवा और दिल्ली-लेह मार्ग शामिल हैं। इनके लिए अचानक या तत्काल यात्रा करने पर यात्रियों से लिया जाने वाला किराया 50 फीसदी तक महंगा हो गया है। गो फर्स्ट एयरलाइन का दिल्ली-श्रीनगर मार्ग और मुंबई-गोवा सबसे व्यस्त रूट था। इस रूट पर अन्य कंपनियों ने फ्लाइट तो बढ़ाई है, लेकिन किराये में भी काफी वृद्धि देखने को मिल रही है। दिल्ली से श्रीनगर के बीच फ्लाइट का किराया 18 से 20 हजार रुपये तक हो गया है। जबकि मुंबई से गोवा के बीच किराया 5 से 7 हजार रुपये के बीच है।