मुंबई, महाराष्ट्र के राजभवन(Governor House) के अधिकारियों के मुताबिक महाविकास अघाड़ी सरकार और राज्यपाल के बीच में कोई विवाद नहीं है। साथ ही राज्यपाल ने किसी भी प्रकार की रिव्यु मीटिंग को नहीं बुलाया गया है। यह सभी आरोप बेबुनियाद हैं। सूत्रों की मानें तो राज्यपाल ने किसी भी जिलाधिकारी को रिव्यू मीटिंग के नहीं कहा है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि जब भी राज्यपाल किसी जिले में जाते हैं। तब वहां का स्थानीय प्रशासन, उस जिले की जानकारी जैसे भौगोलिक स्थिति, धार्मिक स्थल सहित अन्य चीजों के बारे में राज्यपाल को बताते हैं और इसका पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन भी देते हैं। इस बात को रिव्यू मीटिंग कहना सरासर गलत है।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्यपाल की तरफ से उनके किसी भी कार्यक्रम में बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि अब राज्यपाल नांदेड के दो हॉस्टलों का उद्घाटन नहीं सिर्फ दौरा करेंगे। इस बारे में भी उस यूनिवर्सिटी के प्रमुख फैसला लेंगे। राज्यपाल का तीन दिवसीय मराठवाड़ा दौरा 5 अगस्त से शुरू होने वाला है।
क्या है सरकार की आपत्ति
महाराष्ट्र सरकार के अल्प संख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी पर आरोप लगाया था कि राज्य में सत्ता के दो केंद्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं। नांदेड़, हिंगोली और परभणी के तीन दिवसीय पर भी सरकार ने अपना विरोध दर्ज किया है। मलिक ने कहा कि सरकारी काम में राज्यपाल की ओर से बार-बार हस्तक्षेप किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को यह समझना बहुत जरूरी है कि वे मुख्यमंत्री नहीं राज्यपाल हैं।
दरअसल राज्यपाल अपने तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यक विभाग द्वारा बनाए गए लड़के-लड़कियों के लिए बनाए गए दो छात्रावासों का उद्घाटन करने वाले थे। इसी बात पर संबंधित मंत्रालय और राज्य सरकार ने एतराज दर्ज कराया था।