गुजरात में 156 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुट गई है। हालांकि, भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो प्रदेश की 26 लोकसभा सीटों पर भाजपा को हैट्रिक लगाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। लोकसभा चुनाव में भाजपा के सभी उम्मीदवार भारी अंतर से जीते। वहीं, महज 17 सीटें मिलने से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा हुआ है। अगले डेढ़ साल में यह दूर हो जाए, ऐसा फिलहाल नहीं लग रहा। हालांकि, इन चुनाव नतीजों से यह जरूर साफ हो गया है कि कांग्रेस को गुजरात से अगले पांच साल तक कोई भी राज्यसभा सीट नहीं मिलेगी। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष सीआर पटेल ने पन्ना प्रमुख और पेज समिति का मॉडल दिया। ज्यादा से ज्यादा लोगों को भाजपा संगठन में शामिल करने का लक्ष्य अपने कार्यकर्ताओं को दिया। इस मॉडल से गुजरात में कौन किस तरह वोट करेगा, इसके पैटर्न का अंदाजा पार्टी को मिल गया। दूसरी तरफ गृहमंत्री अमित शाह ने विधायकों के टिकट काटकर सरकार विरोधी लहर खत्म कर दी। इस चुनाव परिणाम से यह साफ हो गया है कि भाजपा 2023 के लोकसभा चुनाव में गुजरात के इस संगठन और टिकट आवंटन मॉडल को अपनाएगी। सूत्र ने बताया कि भाजपा अब आने वाले राज्य के विधानसभा चुनावों में भी गुजरात में प्रयोग किए गए संगठनात्मक मॉडल को दोहराने की तैयारी में जुट गई है। इसी मॉडल का प्रयोग करते हुए भाजपा को राज्यों में ज्यादा सीटें हासिल होने की उम्मीद नजर आ रही है। भाजपा का यह मॉडल सीधे तौर पर वोट बैंक पर आधारित है। किस क्षेत्र में कितने वोट मिले। इसकी तार्किक और सटीक गणना तकनीक के माध्यम से की जाती है। अब पार्टी तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, ओडिशा सहित दक्षिण राज्यों में भी इसी फॉर्म्यूले से एंट्री करने की कोशिश करेगी। गुजरात में राज्यसभा की 11 सीटें हैं। इसमें से कांग्रेस के पास अभी तीन सीटें हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 77 सीटें हासिल हुई थीं। इस कारण तीन सीटें कांग्रेस को मिली थीं, लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा को प्रचंड जीत मिलने के बाद अब राज्यसभा की एक भी सीट मिलना कांग्रेस के लिए संभव नहीं है। अगले पांच साल में कांग्रेस को गुजरात से एक भी राज्यसभा सांसद नहीं मिलेगा।
गुजरात की लोस सीटें जीतने के लिए भाजपा की राह आसान, राज्यसभा में खाली रहेगा कांग्रेस का खाता
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