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गुजरात के नाडियाड शहर में दो लोगों द्वारा बैंक में घुसकर अधिकारी को पीटने का मामला सामने आया है। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। खबर के अनुसार, मनीष धांगर बैंक ऑफ इंडिया की नाडियाड के कपाड़ावंज शाखा में तैनात है और लोन डेस्क का काम देखते हैं। अपनी शिकायत में धांगर ने बताया कि शुक्रवार को वह बैंक में बैठे काम कर रहे थे, तभी एक ग्राहक, जिसका नाम समर्थ ब्रह्मभट्ट बताया जा रहा है, वह बैंक पहुंचा और उन्हें पीटना शुरू कर दिया। समर्थ के साथ उसका एक दोस्त पार्थ भी मौजूद था और पार्थ ने भी बैंक अधिकारी को पीटा। पीड़ित बैंक अधिकारी ने बताया कि समर्थ ने उन्हें तीन से चार थप्पड़ मारे और लात भी मारी। जब बैंक के अन्य स्टाफ ने बीच-बचाव की कोशिश की तो दोनों आरोपियों ने उनसे भी धक्का मुक्की की। पीड़ित अधिकारी के अनुसार, आरोपी ने बैंक से होम लोन लिया है। ऐसे में मनीष धांगर आरोपी को उसके घर की इंश्योरेंस पॉलिसी की कॉपी भी बैंक में जमा करने के लिए फोन कर रहे थे। वहीं आरोपी इंश्योरेंस की कॉपी बैंक में जमा नहीं करना चाहता था और इसे लेकर उसने कथित तौर पर बैंक अधिकारी को धमकाया और फिर बाद में बैंक में आकर मारपीट की। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

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अदाणी समूह की कंपनियों में एलआईसी के निवेश को लेकर चार बड़ी यूनियन अब खुलकर सामने आ गई हैं। इन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर कहा है कि आप राजनीति करें, लेकिन एलआईसी को इसमें न घसीटें। आप संसद में चर्चा करें, लेकिन किसी महत्वपूर्ण संस्थान की विश्वसनीयता को न तोड़ें। यूनियनों ने खरगे से मिलकर 6 फरवरी को एलआईसी कार्यालयों पर होने वाले विरोध को रोकने की मांग की है।  साथ ही खरगे से मिलकर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराने को भी कहा है। इन चार यूनियनों में फेडरेशन ऑफ एलआईसी ऑफ इंडिया क्लास वन ऑफिसर्स एसोसिएशन, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंश्योरेंस फिल्ड वर्कर्स ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इंश्योरेंस एंप्लॉयीज एसोसिएशन और ऑल इंडिया एलआईसी एंप्लॉयीज फेडरेशन हैं। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंश्योरेंस फिल्ड वर्कर्स ऑफ इंडिया (एनएफआईएफडब्ल्यूआई) के महासचिव विवेक सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट द्वारा लगाए गए आरोपों की सरकार निष्पक्ष जांच कराएं और सत्य को सामने लाए। एलआईसी दीर्घकालिक निवेशक : विवेक ने कहा, अदाणी समूह की कंपनियों के प्रति एलआईसी की समीपता एवं लाखों भारतीयों की गाढ़ी कमाई पर इसके संभावित प्रभावों के संबंध में हम कहना चाहते हैं कि एलआईसी दीर्घकालिक निवेशक है और पॉलिसी धारकों के दीर्घकालीन हितों को ध्यान में रखकर ही निवेश संबंधी निर्णय लिए जाते हैं।  विवेक सिंह ने कहा कि एलआईसी की अपनी निवेश समिति है। निवेश संबंधी समस्त निर्णय इस समिति द्वारा सघन परीक्षण के उपरांत लिए जाते हैं । निवेश नीति के अनुसार 80% निवेश सुरक्षित प्रपत्रों, जैसे सरकारी प्रतिभूतियों एवं अन्य में किया जाता है। इक्विटी में मुश्किल से 20% निवेश ही किया जाता है। विवेक सिंह ने कहा, अदाणी समूह में किए गए निवेश एवं एलआईसी के संभावित नुकसान के संबंध में हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह नुकसान निराधार है। समूह की कंपनियों में एलआईसी के 36,474.78 करोड़ रुपये के कुल निवेश का वर्तमान बाजार मूल्य 56,142 करोड़ रुपये है। इस प्रकार एलआईसी 20000 करोड़ रुपये का संभावित लाभ अर्जित कर चुकी है। हालांकि यह लाभ भी काल्पनिक है। लोगों की गाढ़ी बचतों में से संसाधन जुटाने, उनको आकर्षक रिटर्न देने तथा उनके धन की पूरी सुरक्षा के साथ-साथ राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करने का एलआईसी का 6 दशकों से अधिक का बेदाग इतिहास है।

जनता को नहीं हुआ 100 अरब डॉलर का नुकसान : गोयल
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्ष के उन आरोपों को खारिज किया कि अदाणी समूह के संकट के कारण हुए 100 अरब डॉलर के नुकसान पर सरकार चुप्पी साधे है। उन्होंने कहा, शेयर में किया गया निवेश ऊपर या नीचे होता रहता है। यह निवेश का अंग है। हालांकि जितनी बड़ी राशि (100 अरब डॉलर) की बात की जा रही है, जनता को ऐसा कोई नुकसान नहीं हुआ है। पीयूष गोयल ने कहा, वित्तीय संस्थाएं पहले ही साफ कर चुकी हैं कि समूह को दिया गया कर्ज या उसमें किया गया उनका निवेश पूरी तरह सुरक्षित है। एलआईसी और एसबीआई ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है। गोयल ने कहा, यह एक निजी कंपनी से जुड़ा मामला है, इस बारे में जो रिपोर्ट आई है वह एक विदेशी कंपनी ने जारी की है। इस रिपोर्ट के आधार पर कुछ आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में नियामकों को जो कार्रवाई करने की जरूरत होगी वे करेंगे।

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