केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय दौरे पर गुजरात में हैं। दौरे के आखिरी दिन जयशंकर ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को बढ़ाना है तो हमें अपने अनुभवों को साझा करना पड़ेगा। पहले घरेलू पर्यटन बढ़ेगा, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय पर्यटक अपने आप बढ़ेंगे। शनिवार को केंद्रीय मंत्री ने गुजरात के नर्मदा जिले में आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गांवों का निरीक्षण किया। जयशंकर ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी। सांसद ने कहा कि देश में ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जिसके बारे में हमें ही जानकारी नहीं है। अगर जानकारी है तो हम उसे साझा नहीं करते। अगर आप किसी पर्यटक स्थल पर जाएं तो वहां आपने जो अच्छी चीजें महसूस की उसके बारे में साझा करें। अपने विचार सोशल मीडिया पर शेयर करें। उन्होंने कहा कि नर्मदा, केवड़िया, स्टैचू ऑफ यूनिटी एक साथ तीनों जगह है। बेहतर रोड की कनेक्टिविटी है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हमें इस क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि यहां कल रात मैं खाना खाने के लिए रुका था। उस दौरान मुझे ऐसा लगा कि मैं किसी हिल स्टेशन पर हूं। अब मान लीजिए यही बात मैं लोगों से कहूं कि मैं गुजरात के हिल स्टेशन पर गया हूं तो क्या वह मुझ पर विश्वास करेंगे। लोग गुजरात को हिल स्टेशन के रूप में देखते ही नहीं हैं। यह कमी है, अपने विचार व्यक्त न करने की। आप ऐसी किसी भी जगह पर जाएं, वहां आप जो भी अच्छा अनुभव करें, उस बारे में अपने विचार व्यक्त करें, उसे शेयर करें, जिससे अधिक-अधिक लोग आपके अनुभव के बारे में जान पाएं।
आज भारत का विकास देख लोग हैरान हैं
एक दिन पहले तिलकवाड़ा में जयशंकर ने कहा था कि दुनिया समझ गई है कि कैसे अब भारत बदल रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी सिर्फ भाषण देने में विश्वास नहीं रखते बल्कि वह काम करने में विश्वास करते हैं। हम जहां भी जाते हैं वहां कूटनीति के मुद्दों पर बात करते हैं। लेकिन वह लोग भारत में आए परिवर्तन के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं। भारत इतने बड़े स्तर पर कैसे योजनाएं लागू कर रहा है, इसी बात को जानने के लिए लोग उत्सुक रहते हैं। भारत की योजनाओं के बारे में जानकार भारत के बाहर लोग हैरान हैं। पीएम गरीब कल्याण योजना के हितग्राहियों की संख्या यूरोप की कुल आबादी से दोगुनी है। उज्जवला योजना के हितग्राहियों की संख्या जर्मनी की आबादी से अधिक है। अलग-अलग योजनाओं के तहत तीन करोड़ घर सरकार ने उपलब्ध कराएं तो मान लीजिए कि एक घर में पांच लोग हैं तो योजना से 15 करोड़ लोगों को लाभ मिला, जो रूस की आबादी के बराबर है।