गुजरात पुलिस ने 18 लोगों को जाली दस्तावेजों और संदिग्ध ग्राहकों की तस्वीरों का उपयोग करके सिम कार्ड सक्रिय करने और बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन लोगों को पिछले एक हफ्ते में प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से पकड़ा है। अबतक 29,000 से अधिक सिम कार्ड विक्रेताओं ने नकली दस्तावेजों का उपयोग करके पूरे राज्यों में बेचा है। इस बात की जानकारी गुजरात अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के अनुसार, दूरसंचार विभाग द्वारा की गई एक जांच में सामने आई है। अधिकारी ने बताया कि कई मामलों में यह पाया गया है, दुकान मालिकों ने एक ही तस्वीर का इस्तेमाल कर कई सिम कार्ड सक्रिय किए और बेच चुके हैं। अब प्रत्येक एप्लिकेशन का मैन्युअल रूप से विश्लेषण करके इस धोखाधड़ी का पता लगाना संभव नहीं है। दूरसंचार विभाग ने अपने स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन फॉर टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन टूल का इस्तेमाल किया था। दूरसंचार विभाग की एक जांच से पता चला है कि बिक्री केंद्र द्वारा नकली दस्तावेजों का उपयोग करके गुजरात में विभिन्न दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के कम से कम 29,552 सिम कार्ड सक्रिय किए गए थे। सीआईडी और एटीएस की संयुक्त टीमों ने पूरे राज्य के बिक्री केंद्रों पर छापा मारा और नवसारी, सूरत शहर, सूरत ग्रामीण, भावनगर, अहमदाबाद शहर और राजकोट ग्रामीण में 15 एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें करीब 7,000 फर्जी सिम कार्ड कथित तौर पर सक्रिय करने और बेचने वाले कम से कम 18 विक्रेताओं को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल जांच एजेंसियां अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए अभियान चला रही है।
गुजरात में सीआईडी-एटीएस की संयुक्त टीमों की कार्रवाई; नकली सिम बेचने के आरोप में 18 लोग गिरफ्तार
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