महात्मा गांधी आज ही के दिन 30 जनवरी 1948 की शाम नाथूराम गोडसे बापू के पैर छूने के बहाने झुका और फिर बैरेटा पिस्तौल से तीन गोलियां दाग कर उनकी हत्या कर दी थी.
” गोली मारो सालों को “कहने वालो से ये लड़ाई काफी पुरानी है। हिंदूवादी , सावरकरवादी, गाेडसेवादी इनके विचारधारा के नाम पर ही पानसरे, दाभाेळकर, गाैरी लंकेश, कलबुर्गी आदि की हत्या की गई थी। और आज भी सड़कों पर यह उसी को दोहराना चाहते है। कोई अफसोस नहीं कोई अहसास नहीं।
मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।~ महात्मा गाँधी ने कहा था
вывод из запоя капельница ростов вывод из запоя капельница ростов .