बीते साल कोरोना की वजह से एयरलाइन कंपनियों की घरेलू उड़ान सेवाओं पर लगे प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। अब एयरलाइन कंपनियां घरेलू उड़ान सेवाएं अपनी पूर्व-कोविड क्षमता के 100 फीसदी पर काम कर सकेंगी। ये नया नियम 18 अक्टूबर से लागू होगा। ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब देश में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं। वहीं, एयरलाइन कंपनियों का घाटा बढ़ता जा रहा है।
लगातार दी जा रही थी छूट: बता दें कि सितंबर 2021 में एविएशन मिनिस्ट्री ने भारतीय एयरलाइनों को उनकी पूर्व-कोविड क्षमता के अधिकतम 85 प्रतिशत तक उड़ान की अनुमति दी थी। ये अनुमति सिर्फ डोमेस्टिक फ्लाइट के लिए थी। वहीं, अगस्त 2021 में मंत्रालय ने 72.5 प्रतिशत तक की छूट दी थी।
एयरलाइन कंपनियों पर कोरोना की मार: कोरोना की वजह से देश की एयरलाइन कंपनियों को बड़ा नुकसान हुआ है। देश की टॉप एयरलाइन इंडिगो के नतीजे बताते हैं कि कंपनी को जून तिमाही में अब तक का सबसे बड़ा घाटा हुआ है।
अप्रैल से जून 2021 की तिमाही में 3,180.2 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। कमोबेश यही हाल स्पाइसजेट का भी है। स्पाइसजेट को जून तिमाही में 731.12 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। ये वो वक्त था जब देश कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में था। अहम बात ये है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार का घाटा ज्यादा बड़ा है।