विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में दो दिन का खेल हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया ने दो दिन में ही बढ़त ले ली है और भारत पर हार का खतरा मंडरा रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 469 रन बनाए और इसके जवाब में टीम इंडिया 151 रन पर पांच विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही है। भारत अभी भी ऑस्ट्रेलिया के स्कोर से 318 रन पीछे हैं। अब अजिंक्य रहाणे और श्रीकर भरत से बड़ी पारी की उम्मीद है। इस मैच में भारतीय टीम पहले दिन ही पिछड़ गई थी, जब ऑस्ट्रेलिया ने तीन विकेट पर 327 रन बना लिए थे। इसके बाद कंगारू टीम 469 रन बनाने में सफल रही। रोहित शर्मा इस मैच में पहली बार भारत से बाहर किसी टेस्ट मैच में कप्तानी कर रहे हैं और दो दिन में ही उनकी कप्तानी पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं। रोहित ने इस मैच में कई गलतियां की हैं, जिससे दिग्गज खिलाड़ी भी नाराज हैं। इस मैच में रोहित शर्मा ने रविचंद्रन अश्विन को टीम में नहीं रखा और उनका यह फैसला भारतीय टीम पर भारी पड़ गया। डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ के खिलाफ अश्विन का रिकॉर्ड बेहद शानदार है। अश्विन टेस्ट क्रिकेट में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज भी हैं और ऑस्ट्रेलिया की टीम में बाएं हाथ के पांच बल्लेबाज हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अश्विन का रिकॉर्ड और भी बेहतर है। इसके बावजूद रोहित ने अश्विन को टीम में शामिल नहीं किया और ऑस्ट्रेलियाई टीम 469 रन बनाने में सफल रही। इसमें बाएं हाथ के बल्लेबाजों ने 259 रन का योगदान दिया। स्टीव स्मिथ ने भी 121 रन बनाए, जो अश्विन के पसंदीदा शिकार हैं। भारतीय गेंदबाजों ने इस मैच में अच्छी शुरुआत की थी। 76 रन पर ऑस्ट्रेलिया के तीन विकेट गिर गए थे। इसके बाद स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड ने 285 रन की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को बेहतर स्थिति में पहुंचा दिया। सौरव गांगुली ने इस दौरान रोहित की फील्ड सेटिंग पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि रोहित ने फील्ड नहीं सेट की थी। इसी वजह से ट्रेविस हेड को आसानी से रन मिलते रहे और उन्होंने स्मिथ के साथ 285 रन की साझेदारी की। रोहित शर्मा ने इस मैच में अपने गेंदबाजों से लंबे-लंबे स्पेल कराए। इससे गेंदबाज थक गए, क्योंकि आईपीएल में दो महीने खेलने के बाद सभी खिलाड़ी पहले से ही काफी थके हुए थे। इसका असर यह हुआ की भारतीय गेंदबाजों में वह धार नजर नहीं आई और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी आसानी से उन्हें खेलते रहे। रोहित चाहते तो एक छोर में जडेजा से गेंदबाजी करा सकते थे और दूसरे छोर से तेज गेंदबाजों को तरोताजा रखते हुए अटैक कर सकते थे, लेकिन रोहित ने ऐसा नहीं किया और ऑस्ट्रेलिया को बड़ा स्कोर बनाने दिया। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने छोटे-छोटे स्पेल में अपने गेंदबाजों का इस्तेमाल किया। इससे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की ऊर्जा बनी रही और वह नियमित अंतराल पर विकेट लेते रहे।
कैसा है रोहित का प्रदर्शन?
साल 2018 से भारतीय टीम ने रोहित की कप्तानी में भारत से बाहर 39 मैच खेले हैं। जिसमें वनडे और टी20 शामिल हैं। भारत ने 39 मैच में से 26 मैच में जीत हासिल की है और 13 में हार का सामना करना पड़ा है। रोहित ने अभी तक भारत में ही टेस्ट मैच में कप्तानी की है और सफल भी साबित हुए हैं। भारत में रोहित के नेतृत्व में टीम ने छह टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से चार मैच जीता है और एक-एक मैच में हार और ड्रा का सामना किया है। रोहित शर्मा ने अब तक कुल 83 मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की है। इनमें से 62 मैच में भारत को जीत मिली है, जबकि 20 में हार का सामना करना पड़ा है। एक मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ है।
कैसा है रोहित का प्रदर्शन?
साल 2018 से भारतीय टीम ने रोहित की कप्तानी में भारत से बाहर 39 मैच खेले हैं। जिसमें वनडे और टी20 शामिल हैं। भारत ने 39 मैच में से 26 मैच में जीत हासिल की है और 13 में हार का सामना करना पड़ा है। रोहित ने अभी तक भारत में ही टेस्ट मैच में कप्तानी की है और सफल भी साबित हुए हैं। भारत में रोहित के नेतृत्व में टीम ने छह टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से चार मैच जीता है और एक-एक मैच में हार और ड्रा का सामना किया है। रोहित शर्मा ने अब तक कुल 83 मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की है। इनमें से 62 मैच में भारत को जीत मिली है, जबकि 20 में हार का सामना करना पड़ा है। एक मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ है।