सुदीप्तो सेन के निर्देशन में बनी और अदा शर्मा स्टारर फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। हालांकि, इस मूवी को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं इसे टैक्स फ्री तो कहीं बैन किया जा रहा है। साथ ही अलग-अलग सितारे और राजनेता इस पर अपना-अपना पक्ष रखते नजर आ रहे हैं। इसी विवाद पर अब एक्टर-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने चुप्पी तोड़ी है। साथ ही फिल्म को लेकर बड़ा बयान देते नजर आए हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर अपने हालिया इंटरव्यू में कहा है, ‘सबसे पहले, मैं यह साफ कर दूं कि मैंने द केरल स्टोरी नहीं देखी है। मैं यात्रा में इतना व्यस्त हो गया हूं कि मैंने अभी तक अपनी बेटी (सोनाक्षी) की वेब सीरीज ‘दहाड़’ तक नहीं देखी है। यह कहने के बाद मैं यह भी कहना चाहूंगा कि मैं हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खड़ा रहा हूं।’ हालांकि, शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी बात में आगे जोड़ा, ‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि प्रत्येक व्यक्ति को वह कहने का अधिकार है जो वह कहना चाहता है, लेकिन किसी राज्य की कानून और व्यवस्था की कीमत पर नहीं। अगर कोई फिल्म राज्य की शांति के लिए खतरा पैदा करती है तो उस आजादी पर अंकुश लगना चाहिए। अभिव्यक्ति का अधिकार है। प्रशासन का अधिकार भी है।’
शत्रुघ्न सिन्हा, ममता बनर्जी की राजनीतिक पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं। वहीं, एक्टर ने ममता के जरिए फिल्म को पश्चिम बंगाल में बैन करने को लेकर कहा है, ‘सुश्री ममता बनर्जी बहुत दूर की सोच रखने वाली नेता हैं। अगर उन्हें लगता है कि द केरल स्टोरी कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा कर सकती है, तो उनके पास इसका कारण होगा। वह भी हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खड़ी रही हैं। अगर उन्हें लगता है कि फिल्म एक निश्चित वर्ग के लोगों के लिए खतरनाक है, तो उन्हें वह करने का पूरा अधिकार है जो उन्हें सही लगता है।’ शत्रुघ्न सिन्हा ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर कहा, ‘मेरे लिए, मैं हमेशा स्वतंत्रता के अधिकार के लिए खड़ा रहा हूं। विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स से बहुत पहले, मैंने कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा के बारे में बात की थी। तब सरकार ने ध्यान नहीं दिया। अगर विवेक की फिल्म ने कश्मीरी पंडितों पर बहस छेड़ दी है तो मुझे खुशी है। संवेदनशील मुद्दों पर फिल्म बननी चाहिए। लेकिन उन्हें संवेदनशील तरीके से बनाया जाना चाहिए। चुनाव के समय धर्म परिवर्तन के बारे में यह फिल्म क्यों? समय थोड़ा संदिग्ध लगता है।’