केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चिप निर्माण की बारीक प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा, इसमें सबसे पहले डिस्क के आकार के सिलिकॉन वेफर का निर्माण किया जाता है। चिप को वेफर के शीर्ष पर बनाया जाता है। फिर जटिल प्रक्रिया से हर चिप को वेफर से बाहर निकाला जाता है। उसमें बिजली आपूर्ति की प्रक्रिया अपनाई जाती है। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि बॉडी में बहुत सारी वायरिंग करनी होती है और बिजली की आपूर्ति को एक अलग प्रक्रिया द्वारा ताकत देनी होती है। इस चिप में कुछ ऐसा होगा, जो वेफर से निकाला जाता है। वेफर से एक बहुत छोटी सी चीज निकाली गई है, फिर इसे एक पूर्ण बॉडी दी गई है। इस आकार की एक चिप में कई किलोमीटर लंबी वायरिंग होगी। चिप निर्माण की प्रक्रिया पांच या छह मंजिला इमारत बनाने जैसी है, जिसमें सीढ़ी, लिफ्ट, बिजली कनेक्शन आदि होते हैं। बिल्डिंग की तरह ठीक इसी प्रकार चिप भी बनाए जाते हैं।
देश में जल्द होगा चिप का निर्माण
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ऐसी ही चिप भारत में भी बनने वाली है। ट्रेन, मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट, ऑटोमोबाइल्स में अभी तक आयातित चिप के इस्तेमाल हो रहे थे लेकिन, जब जल्द ही इनका निर्माण भारत में होगा तो इसकी कीमत कम हो जाएगी। इससे युवाओं को रोजगार में काफी मदद मिलेगी।
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