प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मां हीरा बा के निधन के बाद भी एक दिन की छुट्टी नहीं ली। शुक्रवार को मां का अंतिम संस्कार करने के बाद वे काम पर लौट आए और कोलकाता वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल के लोगों से माफी भी मांगी और कहा कि निजी कारणों से वह वहां मौजूद नहीं हो पाए। पीएम मोदी की यह कर्तव्यनिष्ठा देश ने भले पहली बार देखी हो, लेकिन 1989 में जब उनके पिता का निधन हुआ था, तब भी वह एक कर्मयोगी की तरह अपने काम में जुटे हुए थे। विश्व हिंदू परिषद के महासचिव दिलीप त्रिवेदी उस दिन को याद करते हुए कहते हैं कि जब नरेंद्र मोदी के पिता की मृत्यु हुई थी, तब भी वह अंतिम संस्कार के बाद अहमदाबाद में पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए थे। त्रिवेदी बताते हैं कि जिस दिन पीएम मोदी के पिता का निधन हुआ, उस दिन अहमदाबाद में एक महत्वपूर्ण बैठक होनी थी। हम सभी को लगा था कि पीएम मोदी इस बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे, लेकिन अंतिम संस्कार के बाद पीएम मोदी बैठक में शामिल हुए, जिसे देखकर हर किसी को आश्चर्य हुआ। त्रिवेदी ने उस मुलाकात के बाद मोदी से हुई बातचीत को भी याद किया। जब उन्होंने इन परिस्थितियों में बैठक में आने का कारण पूछा तो पीएम मोदी ने उनसे कहा था कि उन्हें पार्टी के लिए भी अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की जरूरत है। त्रिवेदी ने कहा, सभी कार्यकर्ताओं के लिए यह एक प्रेरणादायक क्षण था कि हमें अपनी जिम्मेदारियों के प्रति समर्पण की जरूरत है। हीरा बा के निधन के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना पूर्व निर्धारित कोई भी कार्यक्रम रद्द नहीं किया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को एक रैली के दौरान बताया था कि पीएम मोदी ने कहा है कि वह अपना कोई भी कार्यक्रम रद्द नहीं करेंगें और अंतिम संस्कार पूरा होने के बाद दिल्ली लौट आएंगे।
जब पीएम मोदी के पिता का निधन हुआ था, तब भी….VHP नेता ने उस दिन को याद कर बताया दिलचस्प किस्सा
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