बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं के राज्य से बाहर जाने पर राकांपा नेता जयंत पाटिल ने गुरुवार को महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मुख्यमंत्री पर ‘गुजरात की सेवा’ करने का आरोप लगाया। दरअसल, यहां पुलिस भर्ती को फिर से शुरू करने की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। इस प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पाटिल ने कहा, टाटा जैसे समहू द्वारा अपनी परियोजना के लिए दूसरे राज्य को चुनना सरकार के लिए शर्मिंदगी की बात है। उन्होंने आगे कहा, परियोजनाओं को गुजरात में ट्रांसफर किया जा रहा है और मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री मूकदर्शक बने हुए हैं। अगर वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना राज्य में आती, तो इससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से तीन से चार लाख रोजगार पैदा होते। राज्य के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि वेदांता-फॉक्सकॉन के बाद टाटा कंसोर्टियम और एय़रबस की सैन्य विमान परियोजना भी गुजरात चली गई। राकांपा नेता ने दावा किया कि राज्य में ई सरकार लाने की साजिश रची गई, ताकि नई सरकार (शिंदे सरकार) गुजरात की सेवा कर सके। इसी साल जून में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार (एमवीए) गिरने के बाद शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई थी। पाटिल ने राज्य सरकार पर एमवीए सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के क्रियान्वयन में बाधा डालने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमने पुलिस भर्ती का फैसला लिया था और मौजूदा सरकार को केवल इसे लागू करने की जरूरत है, लेकिन वे बाधाएं पैदा कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के पहले पन्ने पर सरकार का एक विज्ञापन आने पर पाटिल ने कहा, कोई भी अखबार किसी भी विज्ञापन को मना नहीं करेगा।
जयंत पाटिल ने शिंदे सरकार पर साधा निशाना, कहा- ‘गुजरात की सेवा’ के लिए बनाई गई नई सरकार
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