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जावेद अख्तर पर हुआ मानहानि का केस वापस, आरएसएस पर की गई इस टिप्पणी के कारण हुआ विवाद

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मुंबई के कोर्ट ने गीतकार जावेद अख्तर के खिलाफ मानहानि केस मामले को वापस ले लिया है। ये मामला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर किया गया था। इस मामले में जावेद अख्तर को बरी कर दिया गया है। जावेद अख्तर ने एक टेलीविजन साक्षात्कार में अफगानिस्तान में कट्टरपंथी संगठन द्वारा सत्ता पर कब्जा करने की पृष्ठभूमि में तालिबान और हिंदू चरमपंथियों के बीच कथित तौर पर समानताएं बताई। इस मामले पर अधिवक्ता संतोष दुबे ने मजिस्ट्रेट से याचिका वापस ले ली। शिकायतकर्ता ने बताया, मामला दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता में सुलझा लिया गया है इसलिए, वह आरोपी यानी जावेद अख्तर पर मुकदमा नहीं चलाना चाहते हैं। जावेद अख्तर ने साल 2021 में एक टीवी साक्षात्कार के दौरान आरएसएस की तुलना तालिबान से कर दी। मामले पर अधिवक्ता ने नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा, ऐसा न होने पर 100 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगने की बात कही। इस मामले पर जावेद अख्तर ने मुंबई सत्र कोर्ट में चुनौती दी।

जावेद अख्तर को कर दिया बरी
मुंबई के मुलुंड में चल रहे केस को वापस ले लिया गया है। वकील संतोष दुबे ने बताया कि अक्टूबर 2021 में अख्तर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत अपराधों के लिए मजिस्ट्रेट अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। मुकदमा वापस लेने के बाद अदालत ने उन्हें बरी कर दिया।