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‘जो लोग गांव में नहीं रहे, उन्हें ये नहीं समझ आएगा’, ‘करण अर्जुन’ के ‘गुपचुप’ गाने पर बोलीं इला अरुण

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फिल्म ‘करण अर्जुन’ का ‘गुपचुप’ गाना जबर्दस्त हिट रहा। आज भी यह गाना खूब सुना जाता है। तारीफ के साथ-साथ एक तबके ने इसकी आलोचना भी खूब की हैं। इसे कथित तौर पर ‘अश्लील’ कहा गया। इस गाने को लोकप्रिय गायिका इला अरुण और अल्का याग्निक ने मिलकर गाया। हाल ही में इला अरुण गाने को लेकर अपने विचार साझा करती नजर आईं। बॉलीवुड में कई क्लासिक गानों को अपने सुरीले कंठ से सजाने वाली इला अरुण का कहना है कि उस दौर के गाने कभी अश्लील नहीं होते थे। इंडिया टुडे से बातचीत में इला अरुण ने करण अर्जुन फिल्म के ‘गुपचुप गुपचुप’ गाने पर बात करते हुए कहा कि तब के गाने अश्लील नहीं थे, बल्कि उनमें चुलबुलापन था। हल्की-फुल्की शरारत थी। बता दें कि इस गाने को राजेश रोशन ने कंपोज किया। इसके इंदीवर ने लिखा। इला अरुण ने कहा, ‘अश्लीलता और चिढ़ाने के बीच एक रेखा होती है’। उन्होंने आगे कहा, ‘जब चोली के पीछे गाना रिलीज हुआ था, तो लोगों ने इसे कमतर आंकने की कोशिश की थी, लेकिन यह कभी भी एक गंदा गाना नहीं था। यह मजाकिया ढंग का गाना था। जैसे आती क्या खंडाला या चोली के पीछे। ये गाने मजेदार थे। जो लोग गांवों में नहीं रहे हैं या बड़े परिवारों में नहीं पले-बढ़े हैं, वे शायद इन्हें न समझ पाएं। उन दिनों टीवी नहीं थे, इसलिए लोगों ने शादियों और होली जैसे अवसरों के लिए अपने खुद के गाने बनाए’।

क्लासिक गानों को फिर से बनाने के ट्रेंड पर जताई चिंता
इला अरुण ने कहा, ‘ये गाने पारिवारिक समारोहों में गाए जाते थे, जहां भाभियां एक-दूसरे को चिढ़ाती थीं या देवर और भाभी के बीच मजाकिया नोकझोंक होती थी। लेकिन आज, गाने अश्लीलता की सीमा पार कर चुके हैं। अश्लीलता और मजाकिया छेड़छाड़ में बहुत अंतर है। चोली के पीछे, गुप चुप, ये सभी गाने मस्ती-मजाक वाले थे। इनमें अश्लीलता नहीं थी’। अरुण ने क्लासिक गानों को फिर से बनाने के मौजूदा चलन पर भी चिंता जाहिर की।