#BREAKING LIVE :
मुंबई हिट-एंड-रन का आरोपी दोस्त के मोबाइल लोकेशन से पकड़ाया:एक्सीडेंट के बाद गर्लफ्रेंड के घर गया था; वहां से मां-बहनों ने रिजॉर्ट में छिपाया | गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी पहली फ्लाइट, परंपरागत रूप से हुआ स्वागत | ‘भेड़िया’ फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म | शरद पवार ने महाराष्ट्र के गवर्नर पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने पार कर दी हर हद | जन आरोग्यम फाऊंडेशन द्वारा पत्रकारो के सम्मान का कार्यक्रम प्रशंसनीय : रामदास आठवले | अनुराधा और जुबेर अंजलि अरोड़ा के समन्वय के तहत जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शन करते हैं | सतयुगी संस्कार अपनाने से बनेगा स्वर्णिम संसार : बीके शिवानी दीदी | ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आरती त्रिपाठी हुईं सम्मानित | पत्रकार को सम्मानित करने वाला गुजरात गौरव पुरस्कार दिनेश हॉल में आयोजित किया गया | *रजोरा एंटरटेनमेंट के साथ ईद मनाएं क्योंकि वे अजमेर की गली गाने के साथ मनोरंजन में अपनी शुरुआत करते हैं, जिसमें सारा खान और मृणाल जैन हैं |

तो इस शख्स के साथ शबाना की मां करा देतीं उनकी शादी, लेकिन फिल्म लाइन में नहीं भेजती

344
अभिनत्री शबाना आजमी ने अपने करियर की शुरुआत 1974 में श्याम बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’ से की। इस फिल्म के रिलीज के बाद जब शबाना आजमी की मां शौकत आजमी फिल्म को देखने आई तो शबाना आजमी के काम को देखकर खूब खुश हुई। लेकिन इस फिल्म के दो महीने बाद ही जब उन्होंने शबाना आजमी की दूसरी फिल्म ‘फासला ‘देखी तो शबाना आजमी से बहुत नाराज हुईं और कहने लगीं कि अगर मुझे पता होता कि तुम ऐसी फिल्म करोगी तो फिल्म लाइन में कभी आने नही देती और तुम्हारा विवाह किसी लूले लंगड़े से करा देती। आखिर क्या थी इसके पीछे की वजह इसका खुलासा खुद शबाना आजमी ने  यहां मुंबई में एक किताब ‘द ओल्डेस्ट लव स्टोरी’ के विमोचन के अवसर पर किया।
बड़ी सख्त थीं शबाना की मां
शबाना आजमी अपनी मां शौकत आज़मी के बारे में कहती हैं, “मेरी मां एक बहुत अच्छी महिला, मां और बीवी थीं। उनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वह अपनी प्रोफेशनल लाइफ के साथ साथ अपनी पर्सनल लाइफ में बराबर तालमेल रखती थीं। और, ये मैं हमेशा उनसे सीखती हूं। पर वह बॉलीवुड की निरूपा रॉय टाइप की मां नही थीं। वह बहुत ही कठोर और बेबाक तरीके से अपनी बात को रखती थी। वह कब आपको जमीन पर उतर देंगी पता भी नही चलेगा।”
फिल्म देखकर मां ने की तारीफ
शबाना आजमी कहती हैं, ”मेरी पहली फिल्म ‘अंकुर’ को श्याम बेनेगल ने निर्देशित किया था। इस फिल्म को मेरी मां मुझसे आगे वाली कतार में बैठ कर देख रही थी। फिल्म देखते हुए उन्होंने मुझे कहा, “तुम एक बहुत अच्छी एक्ट्रेस हो, मुझे गर्व हैं तुम पर। ये फिल्म बहुत अच्छी हैं। मेरे अगल बगल के लोग देखकर सोचने लगे होंगे कि ये सब क्या चल रहा हैं। मां की बात सुन कर मैं बहुत कॉन्फिडेंट हो गई।”
दूसरी फिल्म देखने के बाद बदल गया बर्ताव
शबाना आजमी कहती हैं, ”ठीक दो महीने बाद मेरी दूसरी फिल्म ‘फासला’ आई जिसे ख्वाजा अहमद अब्बास ने निर्देशित किया था। इस फिल्म को देखकर मेरी मां बोली कि शबाना ये इतनी बेहूदी फिल्म हैं और तुमने इतना बेहूदा काम किया है कि अगर ये फिल्म तुमने मुझे पहले दिखा दी होती तो मैं तुम्हारी शादी किसी लंगड़े लूले से करा देती लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में नहीं भेजती।”
मां के साथ बेरुखी से पेश आती थीं शबाना
शबाना आजमी ने बताया, ”मैं 9 साल की उम्र में अपनी मां से बहुत बेरुखा बर्ताव करती थी। तब एक बार मेरी मां ने मुझे फोन किया और कहा कि तुम ऐसा व्यवहार क्यों कर रही हो? मैंने उन्हें कहा कि मुझे लगता हैं कि आप मुझसे ज्यादा मेरे भाई से प्यार करती हो। तब वह मुझे बोली कि देखो मैं तुम्हारी मां होने के साथ साथ एक इंसान भी हूं। तुम्हारा स्वभाव बहुत ही बेरुखा और अप्रिय हैं और ये सब मुझे पसंद नही हैं। तुम्हारा भाई बहुत ही प्यारा, अच्छे स्वभाव का हैं। इसीलिए मैं उससे अच्छा बर्ताव करती हूं।”
मां की बात सुनकर छोड़ दिया बुरा बर्ताव
शबाना आजमी कहती है, ”ये सब सुनकर मैंने अपने बुरे बर्ताव को छोड़ दिया लेकिन अपनी मां से कहा कि तुम नौ साल की छोटी बच्ची के साथ ऐसे कैसे बात कर सकती हो। तब वह बोली कि मै ये सब न देखती हूं और न ही सोचती हूं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *