आज अनंत चतुदर्शी के मौके पर देशभर में भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है। इसके साथ ही 10 दिनी गणेशोत्सव का समापन हो गया है। गणेश प्रतिमाओं को पूजा अर्चना के बाद नदियों व समुद्र में प्रवाहित किया जा रहा है।मुंबई और इंदौर समेत कई शहरों में इस मौके पर चल समारोह निकाले जा रहे हैं। मुंबई में बप्पा की विदाई पर जनसैलाब सड़कों पर उमड़ रहा है। धूमधाम से विशाल प्रतिमाओं को समुद्र तटों पर ले जाया जा रहा है। इस बार कोरोना से राहत के कारण दो साल बाद धूमधाम से यह पर्व मनाया गया। 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना के बाद 10 दिनों तक उनका हर्षोल्लास से पूजन किया गया। गणेश प्रतिमाओं की स्थापना अपनी मान्यता के अनुसार एक दिन से लेकर तीन दिन, पांच दिन, सात दिन और नौ दिन तक की जाती है। दसवें दिन यानी अनंत चतुदर्शी के मौके पर उनका विसर्जन किया जाता है। इस मौके पर कामना की जाती है कि लोक कल्याण के लिए हे गणनायक अगले बरस जल्दी आना। गणपति बप्पा मोरया‘ के जयकारों को लेकर कहा जाता है कि पुणे के पास चिंचवड़ में गणेशी के अनन्य भक्त व संत मोरया गोसावी रहते थे। वे इतने लोकप्रिय हुए कि मोरया नाम गणेशजी के नाम के साथ जुड़ गया और ‘गणपति बप्पा मोरया‘ हो गया।
दस दिनी गणेशोत्सव का समापन, मुंबई में धूमधाम से विदाई, जानें क्यों कहलाते हैं बप्पा मोरया
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