एक ओर गूगल पूरी दुनिया से कहा रहा है कि उसके लोग उसके एआई चैटबॉट BARD का इस्तेमाल करें और खुद अपने कर्मचारियों से कहा है कि चैटजीपीटी और बार्ड जैसे एआई चैटटूल से दूर रहें और अपनी निजी जानकारी इनके साथ साझा ना करें। पिछले कुछ महीने में गूगल Bard और ChatGPT जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट काफी लोकप्रिय हो गए हैं। इनकी मदद से लोगों के काम भी आसान हो गए हैं, लेकिन जैसे-जैसे इनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे प्राइवेसी को लेकर बवाल हो रहा है। गूगल ने कहा कि बार्ड अवांछित कोड का सुझाव दे सकता है, लेकिन यह प्रोग्रामर्स को फिर भी मदद करता है। Google ने यह भी कहा कि उसका उद्देश्य अपनी तकनीक की सीमाओं के बारे में पारदर्शी होना है। दरअसल Google, चैटजीपीटी जैसे अपने प्रतिद्वंदी सॉफ्टवेयर से बिजनेस को लेकर डरा हुआ है। गूगल ने ChatGPT और Microsoft की टक्कर में अपने बार्ड पर अरबों रुपये का निवेश किया है और आने वाले समय में विज्ञापन और क्लाउड रेवेन्यू पर उसकी नजर है। Google ने बार्ड की टेस्टिंग के दौरान भी इसी साल फरवरी में अपने कर्मचारियों से कहा था कि वे बार्ड पर अपनी कोई भी निजी या गोपनीय जानकारी या ऑफिस की जानकारी साझा ना करें और ना ही उससे संबंधित सवाल-जवाब करें। कुछ दिन पहले आई एक सर्वे रिपोर्ट में कहा गया था कि जनवरी में 43 फीसदी प्रोफेशनल लोगों ने अपने बॉस को बिना बताए ChatGPT या इसके जैसे एआई टूल का इस्तेमाल किया। अभी 1 जून को गूगल ने अपने कर्मचारियों से कंपनी की पॉलिसी में कहा है कि बार्ड के साथ चैटिंग में अपनी निजी या संवेदनशील जानकारी शामिल न करें। बता दें कि यूरोपियन यूनियन (EU) में Google Bard की लॉन्चिंग को स्थगित कर दिया गया है। प्राइवेसी को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच गूगल ने Google Bard की लॉन्चिंग को फिलहाल टाल दिया है। इससे पहले आयरिश डेटा प्रोटेक्शन कमीशन के बाद कंपनी के मुख्य डेटा नियामक ने गोपनीयता संबंधी चिंताओं को उठाया। नियामक ने कहा कि Google ने इस बारे में पर्याप्त जानकारी प्रदान नहीं की है कि उसका जनरेटिव AI टूल यूरोपीय लोगों की गोपनीयता की रक्षा कैसे करता है। यूरोपियन यूनियन में गूगल को जेनलर डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) का पालन करना होगा।
दुनिया से कह रहा AI चैटबॉट इस्तेमाल करो और कर्मचारियों से कहा कि इससे सतर्क रहें
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