रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दांस ने कहा है कि 2000 के नोट वापस लेने के एलान के बाद से दो तिहाई नोट बैंकों में जमा हो चुके हैं। बता दें कि रिजर्व बैंक ने 19 मई को 2000 के नोट वापस लेने का एलान किया था और 23 मई से नोट वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। 2000 के कुल 3.62 लाख करोड़ की कीमत के नोट सर्कुलेशन में थे। रिजर्व बैंक ने कहा है कि इसमें से 2.41 लाख करोड़ की कीमत के नोट वापस बैंकों में जमा हो चुके हैं। दूसरी मॉनेटरी पॉलिसी के रिव्यू के दौरान आठ जून तक 2000 के 1.8 लाख करोड़ रुपए कीमत के नोट वापस बैंकों में जमा हो चुके थे और बीते हफ्ते यह आंकड़ा बढ़कर 2.41 लाख करोड़ हो गया, जो कुल सर्कुलेट नोटों का दो तिहाई है। बाकी नोट अभी भी सर्कुलेशन में हैं। बता दें कि रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट जमा करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2023 तय की है। हालांकि इसके बाद भी लोग 2000 के नोट बैंकों में जमा करा सकेंगे।
अर्थव्यवस्था पर नहीं होगा कोई असर
शक्तिकांत दास ने कहा कि 2000 के नोट वापस लेने का देश की मौद्रिक स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था पर इसका कोई गलत असर नहीं होगा। आरबीआई और सरकार ने अनुमान जताया है कि इस वित्तीय वर्ष विकास दर 6.5 प्रतिशत रहेगी। नवंबर 2016 में सरकार ने 2000 के नोटों की चलन की शुरुआत की थी। हालांकि सरकार ने 2018-19 में ही 2000 के नए नोटों की छपाई बंद कर दी थी।
दो तिहाई से ज्यादा 2000 के नोट वापस हुए, आरबीआई गवर्नर बोले- अर्थव्यवस्था पर नहीं होगा कोई असर
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