इस्राइल-हमास युद्ध के बीच भारत और अमेरिका एक साथ बैठक करेंगे। बैठक का आयोजन नौ और दस नवंबर को होने की संभावना है। बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन शामिल होंगे। सूत्रों की मानें तो, बैठक में भारतीय-अमेरिकी नेताओं के बीच इस्राइल-हमास युद्ध के कारण सामने आए हालातों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा युद्ध के चलते पश्चिम एशिया में पैदा हुए हालातों के साथ-साथ वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। बता दें, टू-प्लस–टू बैठक एक राजनयिक शिखर सम्मेलन है, जिसकी शुरुआत 2018 में की गई। 2023 के अंत में आयोजित होने वाली बैठक शिखर सम्मेलन का पांचवा संस्करण है, जिसमें भारत और अमेरिका द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। सूत्रों के अनुसार, इस्राइल हमास युद्ध और रूस यूक्रेन के अलावा भारत और चीन के बीच जारी तनावपूर्ण रिश्तों पर भी चर्चा हो सकती है। अमेरिकी रक्षा मंत्री भारत के किसी प्रमुक सैन्य अड्डे का दौरा भी कर सकते थे। इससे पहले भारतीय रक्षा मंत्री भी जब अमेरिका के दौरे पर गए थे तब अमेरिकी सेना ने उन्हें एक सैन्य अड्डे का दौरा कराया था।
भारत में तेल को लेकर चिंता
भारत में सबसे बड़ी चिंता कच्चे तेल को लेकर है, जो दोनों देशों में संघर्ष की शुरुआत के बाद से 4 फीसदी से अधिक महंगा हो गया है। क्रूड में उछाल से देश में न सिर्फ महंगाई बढ़ेगी बल्कि चालू खाता घाटे पर भी असर पड़ेगा। भारत अपनी जरूरतों का 85 फीसदी तेल आयात करता है। ब्लूमबर्ग मुताबिक, रैपिडन एनर्जी समूह के अध्यक्ष एवं व्हाइट हाउस के पूर्व अधिकारी बॉब मैकनेली ने कहा कि अगर इस्राइल किसी भी ईरानी बुनियादी ढांचे पर हमला कर जवाब देता है तो क्रूड के दाम तत्काल बढ़ जाएंगे। उधर, सोमवार को वैश्विक बाजार में कच्चा तेल 3 फीसदी तक उछल गया। ब्रेंट क्रूड 2.28 फीसदी चढ़कर 86.86 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। डब्ल्यूटीआई में 3 फीसदी तेजी रही।