महाराष्ट्र में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTOs) ने एक विशेष अभियान के तहत 14,000 से अधिक निजी बसों की जांच की। इनमें से लगभग 30 प्रतिशत बसें नियमों का उल्लंघन करती पाई गईं। विभाग द्वारा मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार आरटीओ ने 15 मई से 30 जून के बीच विशेष अभियान चलाया और 14,161 निजी बसों की जांच की। परिवहन विभाग ने कहा कि जांच की गई बसों में से 4,277 या लगभग 30 प्रतिशत वाहन नियमों और विनियमों का उल्लंघन करती पाई गईं और उनमें से कुछ के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक विभाग ने वैध फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं होने पर 570 बसों के खिलाफ कार्रवाई की है और नियमों का उल्लंघन करने वाली बसों के मालिकों से जुर्माने के रूप में 1.87 करोड़ रुपये वसूल किए हैं। विशेष अभियान के दौरान नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ी गई बसों में से 1,702 बसें रिफ्लेक्टर, इंडिकेटर और टेल लाइट के मानदंडों का उल्लंघन करती पाई गईं। इतना ही नहीं 890 बसें बिना परमिट के चल रही थीं, जबकि 514 बसों में आग बुझाने की व्यवस्था नहीं थी। इसके अलावा 485 बसों ने मोटर व्हीकल टैक्स का भुगतान नहीं किया था। विज्ञप्ति में बताया गया कि 293 बसों में आपातकालीन निकास काम नहीं कर रहे थे, जबकि 227 बसें अवैध रूप से सामान ले जाते हुए पाई गईं। 147 बसें जरूरत से ज्यादा यात्रियों को ले जा रही थीं। वहीं, 72 बसों में स्पीड गवर्नर नहीं था। इसके अलावा 40 बसें ऐसी थीं, जो यात्रियों से ज्यादा किराया वसूल रही थीं।
नियमों की धज्जियां उड़ाने वाली बसों पर RTO की कड़ी कार्रवाई, बस मालिकों से वसूले 1.87 करोड़ रुपये
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